स्मृति शेष । जनरल बिपिनसिंह रावत PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे, उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। इससे पूर्व वो भारतीय थल सेनाध्यक्ष के पद पर 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक पर रह चुके थे।
उत्तर प्रदेश अब उत्तराखण्ड के पौड़ी में 16 मार्च, 1958 को पैदा हुए बिपिन रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवा दे रहा था। इनके पिता लक्ष्मण सिंह राजपूत पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंजी गाँव से थे और लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। इनकी माता उत्तरकाशी जिले से थीं और उत्तरकाशी विधान सभा से विधायक रह चुके किशन सिंह परमार की पुत्री थीं।
जनरल रावत की शुरूआती शिक्षा देहरादून के कैंबरीन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल में हुई। इसके बाद इन्होने खडकवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में दाखिला लिया। इसके बाद रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से प्रथम श्रेणी में स्नातक की उपाधि प्राप्त कि और यहाँ उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सोर्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया।जनरल रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी।
बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से भी स्नातक की शिक्षा ली और फ़ोर्ट लेवेनवर्थ, कन्सा, स्थित यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ़ कॉलेज से 1997 में उपाधि ग्रहण की।बाद में, बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत ने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन विषय में एम.फ़िल. की उपाधि एवं प्रबन्धन एवं कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा भी प्राप्त किया। 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से इन्हें सैन्य मीडिया अध्ययन के क्षेत्र में शोध के लिए पीएचडी की मानद उपाधि दी गयी।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का साल 8 दिसंबर 2021को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। जनरल बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका और भारतीय सेना के 11 और अफसरों की भी इस भीषण हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी. देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर सीमाओं की सुरक्षा के लिए जनरल बिपिन रावत द्वारा लिए गए साहसी फैसलों और सशस्त्र बलों के मनोबल को हमेशा ऊंचा रखने में उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।एजेन्सी