जंयती पर विशेष – जर्मन व्यापारी जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के समय 1200 यहूदियों को नर संहार से बचाया।ऑस्कर शिंडलर का जन्म 28 अप्रेल 1908 मे हुआ था।
जर्मन उद्योगपति ऑस्कर शिंडलर जर्मन व्यवसायी, जासूस और नाजी पार्टी का सदस्य थें।ऑस्कर शिंडलर घमंडी दिखने और शानशौकत से रहने वाले आदमीथें। उनके बारे में कहा जाता था कि रुपया कमाने के लिए वह कुछ भी कर सकते थें। उनके जीवन के बारे में अमरीकी निर्देशक और खुद यहूदी स्टीवन स्पीलबर्ग ने 1993 में शिंडलर्स लिस्ट अत्यंत सफल फिल्म बनायी, जिसने सात ऑस्कर पुरस्कार जीते। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और इसके सहयोगियों ने लगभग छह मिलियन यहूदियों को मार डाला था।
शिंडलर ने होलोकास्ट के दौरान 1200 यहूदियों की जान उन्हे अपनी फेक्टरियों मे रोजगार देकर बचाई।वह जर्मन सरकार के लिए रेलवे और सैनिक हलचल की सूचनाएँ एकत्रित करता था। जिसने के कारण एक बार चेक सरकार ने उसे गिरफ्तार भी किया था बाद मे म्यूनिख समझोते के आधार पर छोड़ दिया था।लेकिन उसके बाद भी (1939) शिंडलर ने सूचनाएँ एकत्रित करना जारी रखा। उस समय पोलेंड ने आक्रमण नहीं किया था। और विश्व युद्ध का आरंभ ही हुआ था।
1939 मे शिंडलर ने पोलेंड के क्राकोव मे एनेमलवेयर फेक्टरी डाली जिसमे 1750 कर्मचारी कार्यरत थे। उनमे से हजार के लगभग यहूदी थे, जब की 1944 मे फेक्टरी अपने चरम पर थी। शिंडलर के जासूसी कार्यों के समय हुए संबंधो के कारण शिंडलर अपने यहूदी कर्मचारियों को निर्वासन और हत्या से बचाए हुए था। उस समय नाजी यातना शिविरों मे यहूदियों की बर्बर हत्याए की जा रही थी।जुलाई 1944, जब जर्मनी जंग हार रहा था तब उसने अपने यातना शिविरों को बंद करना शुरू कर दिया। और यहूदी कैदियों को पश्चिम की और ले जाने लगा। उनमे से हजारों की संख्या मे यहूदियों को यातना शिविरों मे मार दिया गया। ऐसे समय मे शिंडलर ने एक बड़े अधिकारी अमोन गोथ को मनाना शुरू किया जो की क्राकोव यातना शिविर का कमांडेंट था। शिंडलर ने अमोन गोथ को मनाया जिससे की वो उसकी फेक्टरी को वहां से शिफ्ट कर सके। सिर्फ यही एक रास्ता था जिससे की उसके कर्मचारी हत्यारे गेस चेम्बर से बच सकते थे।शिंडलर ने एक लिस्ट बनाई जिसने 1200 यहूदी मजदूरों के नाम थे, जिनहे वो ब्रुनील्त्ज़ ले जा रहा था। इसके लिए उसे काफी सारा धन रिश्वत मे देना पड़ा। वो लगभग बरबादी की स्थिति मे आ गया। इतने साल जो उसने कमाया वो सब जा रहा था।अक्तूबर 1944 मे शिंडलर अपने 1200 कंरचरियों कोब्रुनील्त्ज़ ले गया। वहाँ टॉप का गोला बनाने के फेक्टरी डाली लेकिन उसने एक प्रोडक्ट नहीं बनाया। अपनी जमा पुंजी खर्च करता रहा। अधिकारियों को लगातार रिश्वत खिलाता रहा। 1945 तक, जब तक की यूरोप मे विश्व युद्ध समाप्त नहीं होगया उसने अपने आपको अधिकारियों को रिश्वत खिलाने मे और मजदूरों को पालने मे बर्बाद कर दिया, लेकिन अपने एक भी कर्मचारी को मरने नहीं दिया।
और आखिरकार उसने 1200 यहूदी बचा लिए, लेकिन युद्ध समाप्त होते ही उसे भी वहाँ से जाना पड़ा। युद्ध के बाद पश्चिम जर्मनी में चला गया, वहाँ उसकी मदद यहूदी सहायता संगठनो ने धन देकर की। युद्ध के समय के खर्च के लिए एक आंशिक प्रतिपूर्ति प्राप्त करने के बाद वह अपनी पत्नी के साथ अर्जेन्टीना चला गया, जहां उसने खेतीबाड़ी की। 1958 मे वह दिवालिया हो गया। वो वापस जर्मनी आया, उसने शिंडर यहूदियों की सहायत से कई तरह के व्यापार करने की कौशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाया।इज़राइल की सरकार ने 1963 मे शिंडलर को Righteous Among the Nations का नाम दिया। 9 अक्तूबर 1974 मे शिंडलर की जर्मनी मे मृत्यु हो गयी और उसे येरूशलम के माउंट जिओन मे दफनाया गया। वो नाजी पार्टी का एकमात्र ऐसा सदस्य था जिसका इस तरह सम्मान हुआ था।
1982 में शिंडलर्स आर्क नाम का उपन्यास शिंडलर के जीवन पर आधारित है।
द्वितीय विश्व युद्ध और नाजी सेना के अत्याचारों की अब तक जितनी भी फिल्में बनी हैं, उनमें ‘शिंडलर्स लिस्ट’ का अपना अलग स्थान है। 1993 में बनी इस फिल्म ने निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग को दुनिया के बड़े फिल्मकारों की लाइन में खड़ा कर दिया. यह उनके फिल्मी करियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्म मानी जाती है. पूरी फिल्म ब्लैक एंड वाइट है. फिल्म की शुरूआत रंगीन मोमबत्तियों से होती है. जैसे ही मोमबत्तियां बुझती है, ब्लैक एंड वाइट पिक्चर शुरू हो जाती है. पचास के दशक में कलर फिल्मों का युग शुरू होने के बाद भी ‘शिंडलर्स लिस्ट’ ने अपनी फिल्म को ब्लैक एंड वाइट में की और सर्वश्रेष्ठ फिल्म का ऑस्कर पुरस्कार जीता। एजेंसी।