पुण्य तिथि पर विशेष- आबिदा सुल्तान को भारत की पहली महिला पायलट होने का गौरव प्राप्त था। इन्हें 25 जनवरी, 1942 को उड़ान लाइसेंस मिला था। आबिदा सुल्तान का जन्म 28 अगस्त 1913 को हुआ था। इनके पिता हमीदुल्लाह ख़ान भोपाल रियासत के अंतिम नवाब थे। आबिदा अपने पिता की बड़ी संतान थी। उनकी परवरिश दादी सुल्तान जहां बेगम ने किया था। अपनी दादी के अनुशासन में रहकर बहुत कम उम्र में ही आबिदा सुल्तान कार ड्राइविंग के अलावा घोड़े, पालतू चीतल जानवरों की सवारी और शूटिंग कौशल में पारंगत हो चुकी थी। उस जमाने में वे बगैर नकाब के कार चलाती थीं।
उपमहाद्वीप के मुस्लिम राजनीति में सक्रिय भूमिका अदा करने वाली आबिदा सुल्तान ने अपने पिता हमीदुल्लाह ख़ान के कैबिनेट के अध्यक्ष और मुख्य सचिव की जिम्मेदारी भी संभाली थी। आबिदा पोलो और स्क्वेश जैसे खेलों में भी दिलचस्पी रखती थी। 1949 में वे अखिल भारतीय महिला स्क्वैश की चैंपियन रहीं। आबिदा का निकाह 18 जून, 1926 को कुरवाई के नवाब सरवर अली ख़ान के साथ हुआ। दादी की प्रिय पोती आबिदा पहली बार पिता के उत्तराधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करने के लिए अपनी दादी नवाब सुल्तान जहां बेगम के साथ 1926 में लंदन गईं थीं। देश के विभाजन की उथल-पुथल के बाद 1949 में उन्होंने भारत छोड़ दिया और पाकिस्तान चली गई। आबिदा सुल्तान ने अपना आशियाना कराची में बनाया और अपनी गतिविधियां जारी रखीं। उन्होंने 1954 में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व और 1956 में चीन का दौरा किया। धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली आबिदा 1960 में मार्शल कानून के विरोध में फातिमा जिन्ना- जो मोहम्मद अली जिन्ना की बहन थीं, का साथ दिया था। वे महिला अधिकारों की पक्षधर थीं। जनवरी 1954 में पिता द्वारा भोपाल वापस लौटने की पेशकश को ठुकरा चुकी आबिदा 12 वर्षों तक अपने पिता से दूर रहीं, लेकिन उनकी मृत्यु के समय वे भोपाल आई थीं ।
आबिदा सुल्तान अक्टूबर 2001 तक अनेक रोगों से ग्रस्त हो गईं। 27 अप्रैल, 2002 को कार्डियक आॅपरेशन के लिए उन्हें शौकत उमर मेमोरियल अस्पताल करांची में भर्ती कराया गया, जहाँ 11 मई, 2002 को उनका निधन हो गया। उनके पुत्र शहरयार मोहम्मद ख़ान पाकिस्तान में विदेश सचिव रहे हैं। आबिदा सुल्तान की बहन साजिदा सुल्तान (4 अगस्त 1915 – 5 सितम्बर 1995) का निकाह नवाब इफ़्तेख़ार अली खान पटौदी से हुआ जिनके बेटे मंसूर अली खान थे। जो सैफ अली खान के पिता थे। सोशल मिडिया से