विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पहली बार 07 जून 2019 को मनाया गया। इसे सयुंक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 2018 में खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से अपनाया गया था। इसके बाद पहली बार साल 2019 में इसे मनाया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन संयुक्त रूप से सदस्य राज्यों अन्य संबंधित संगठनों के सहयोग से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के पालन की सुविधा प्रदान करते हैं। यह पहली बार 2019 में “द फ्यूचर ऑफ फूड सेफ्टी” के तहत अदीस अबाबा सम्मेलन और जिनेवा फोरम द्वारा 2019 में की गई खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को मज़बूत करने के लिये मनाया गया था। खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, कृषि, बाज़ार पहुँच, पर्यटन और सतत् विकास में योगदान करने, खाद्य जनित जोखिमों को रोकने, पता लगाने तथा प्रबंधित करने में मदद हेतु ध्यान आकर्षित करने और कार्रवाई को प्रेरित करने हेतु।
खाद्य जनित बीमारियों के सालाना अनुमानित 600 मिलियन मामलों केे साथ असुरक्षित भोजन मानव स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्थाओं के लिये एक खतरा है, जो कमज़ोर व हाशिये पर स्थित लोगों, विशेष रूप से महिलाओं तथा बच्चों, संघर्ष से प्रभावित आबादी और प्रवासियों को असमान रूप से प्रभावित कर रहा है। दुनिया भर में अनुमानित 420000 लोग हर साल दूषित भोजन खाने से मर जाते हैं और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के हर साल 125 000 मौतों के साथ खाद्य जनित बीमारी का 40% बोझ है। कोडेक्स एलेमेंट्रिस या “फूड कोड” कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन द्वारा अपनाए गए मानकों, दिशा-निर्देशों और अभ्यास के कोड का एक संग्रह है। कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन खाद्य और कृषि संगठन तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक अंतर-सरकारी निकाय है वर्तमान में इस कमीशन के सदस्यों की संख्या 189 है और भारत इस कमीशन का सदस्य है।
FSSAI ने खाद्य सुरक्षा के पाँच मापदंडों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिये राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक विकसित किया है।मापदंडों में मानव संसाधन और संस्थागत व्यवस्था, अनुपालन, खाद्य परीक्षण- बुनियादी ढाँचा व निगरानी, प्रशिक्षण तथा क्षमता निर्माण एवं उपभोक्ता अधिकारिता शामिल हैं। यह भारत सरकार तथा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की एक पहल है जो सभी भारतीयों के लिये सुरक्षित, स्वस्थ तथा व टिकाऊ भोजन सुनिश्चित करने के लिये देश की खाद्य प्रणाली को बदलने के लिये है। ईट राइट इंडिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 से जुड़ा हुआ है, जिसमें आयुष्मान भारत, पोषण अभियान, एनीमिया मुक्त भारत और स्वच्छ भारत मिशन जैसे प्रमुख कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। FSSAI ने नागरिकों को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने के लिये खाद्य कंपनियों तथा व्यक्तियों के योगदान को मान्यता देने हेतु ‘ईट राइट अवार्ड्स’ की स्थापना की है, जो उनके स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
FSSAI द्वारा आयोजित यह नागरिकों को उचित खाने के लिये प्रेरित करने हेतु एक गतिविधि है। यह विभिन्न प्रकार के भोजन के स्वास्थ्य और पोषण लाभों के बारे में नागरिकों को जागरूक करने के लिये आयोजित किया जाता है।एजेन्सी।