टाटा एयरलाइंस, को 15 अक्टूबर 1932 को जेआरडी टाटा ने टाटा संस लिमिटेड (अब टाटा समूह) की एक डिवीजन टाटा संस के रूप में स्थापित किया था। यह बंबई-कराची और दक्षिण मद्रास के मार्ग पर डाक सेवा के रूप में शुरू किया गया था।
1938 में इसका नाम बदल कर टाटा एयर सर्विसेज कर दिया गया और बाद में उसी वर्ष इसका एक नया नाम टाटा एयरलाइन्स रख दिया गया। इस समय तक इसकी सेवा दिल्ली और कोलंबो मे भी शुरु हो चुकी थी।
द्वितीय विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद कलकत्ता अब कोलकाता भी विमान सेवा के नेटवर्क से जुड़ गया और टाटा एयरलाइंस ने 29 जुलाई 1946 को एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप मे अपनी नियमित व्यावसायिक सेवा, भारत में एक नये नाम एअर इंडिया के साथ शुरु कीं।
मार्च 1948 में, भारत की स्वतंत्रता, के बाद विमान सेवा का 49% भारत सरकार द्वारा अधिग्रहीत किया गया जिसमे अतिरिक्त 2% की खरीद करने का विकल्प शामिल था। बदले में, एयरलाइन को भारत की ध्वज वाहक विमान सेवा बना दी गयी साथ ही उसे एअर इंडिया इंटरनेशनल के नाम से अंतरराष्ट्रीय सेवाएं प्रदान करने की अनुमति भी दे दी गयी।
1953 में एअर इंडिया और इंडियन नेशनल एयरवेज सहित भारत के सभी एयरलाइनों का राष्ट्रीयकरण कर इंडियन एयरलाइंस निगम बनाया गया था।27 जनवरी 20 22 को इसे पूरी तरह से टाटा ग्रुप को हैंडओवर कर दिया गया था जाएगा।टाटा ग्रुप ने सरकार को 18,000 करोड़ रुपए देकर एयर इंडिया को वापस पाया है। एजेन्सी।