मीना- यूनीसेफ की एक परियोजना के तहत देश के कई राज्यों में प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच की स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना है। मीना को केन्द्रीय पात्र बनाकर कई कहानियों तथा फिल्मों की रचना भी की गई है। यूनीसेफ की परिकल्पना ‘मीना’ एक काल्पनिक कार्टून चरित्र है,जिसकी शुरुआत हुयी।
▷ 1990 में कार्यक्रम ‘मीना मंच’ की कल्पना। ▷ 1998 में उच्च प्राथमिक स्तर पर लागू (24,सितम्बर’1998) ▷ 2002 में क्रियान्वयन ▷ 2007 में प्रभावी
▷ 2009 में ‘मीना की दुनिया’ concept की संकल्पना ▷ 2010 में उ०प्र० के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लागू▷ 2013 में प्राथमिक,उच्च प्राथमिक स्तर एवं कस्तूरबा विद्यालयों में लागू।
उद्देश्य-
1. बालिकाओं की शिक्षा पर जोर 2. समान अवसर उपलब्ध करना ( लिंग भेद मिटाना) 3. मित्रवत व्यवहार करना 4. बाल मित्र समाज का निर्माण करना।
◈ मीना- “मीना 9 वर्ष की एक लड़की है जो यूनिसेफ की परिकल्पना है। जो उमंग और उत्साह से भरी हुयी है तथा जिसकी सोच सकारात्मक है। जो प्रश्न पूंछने में झिझकती नहीं है। जो कमजोर वर्ग के लिए हमेशा आवाज उठाती है। दूसरों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील है। परिवारीजनों,मित्रों एवं समाज की सहायता करने में तत्पर रहती है। ”
प्रसारित होने वाले एपिसोड की शुरुआत होती है मीना के ‘परिचय गीत’-
“ सरस सुन्दर अपनी मीना –जो करे सरल सबका जीना-चतुर सफल है अपनी मीना क्यों न सीखें इससे जीना ” से जिसे तीन चरणों में बांटा गया है,
o प्रथम चरण में कहानी,जो सूत्रधार के माध्यम से आगे बढ़ती जाती है । o दूसरे चरण में है गीत, जो बढ़ता है मीना,मिठ्ठू की कविता से तथा o तीसरे चरण में है खेल, जो निकलता है मीना की बहिन जी के ‘जादू का बक्सा’ से। यूनीसेफ