स्मृति शेष। संजोग वॉल्टर। रहमान का जन्म अफ़ग़ानिस्तान के पद्च्युत राजघराने में 23 जून 1923 को हुआ था। उनका बचपन लाहौर में बीता। बाद में उनके पिता सरदार अब्दुल रहमान जबलपुर आकर बस गए। यहां के रॉबर्टसन कॉलेज में रहमान की शिक्षा हुई। इसी दौरान स्वाधीनता-आंदोलन में भाग लेने की वजह से वे जेल भी गए। बाद में उन्होंने तीन साल तक वायु सेना में नौकरी की।
अभिनय के प्रति झुकाव के कारण रहमान ने वायु सेना की नौकरी छोड़ दी और बम्बई अब मुम्बई आ गए। यहां वे वी. शांताराम द्वारा स्थापित फ़िल्म अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने लगे और इसके रास्ते फ़िल्मों में आने की कोशिश भी करने लगे। हालांकि सफलता नहीं मिली। उन्हें काफ़ी संघर्ष करना पड़ा, तब जाकर कहीं 1946 में रहमान को पी.एल. संतोषी,( निर्देशक राजकुमार संतोषी के पिता थे) की फ़िल्म ‘हम एक हैं’ में पहली बार नायक की भूमिका मिली। इसके बाद- नर्गिस, तोहफा, इंतज़ार के बाद, प्यार की जीत, बड़ी बहन, प्यार की मंजिल, मगरूर, पारस, परदेस, राजरानी, अजीब लड़की, एक नजर, जौहर, प्यासे नैन आदि फ़िल्मों में वे नायक बनें। नायक के रूप में रहमान का कैरियर बमुश्किल पांच-छह साल रहा। बतौर नायक जब वे असफल हो गए, तो गुरुदत्त ने 1957 में अपनी फ़िल्म प्यासा से उन्हें सहनायक के रूप में पर्दे पर प्रस्तुत किया। बाद में इस तरह की भूमिकाएँ उन्होंने-चौदहवीं का चांद, धर्मपुत्र, ये रास्ते हैं प्यार के, बहारों की मंजिल, दिल दिया दर्द लिया, पालकी, दिल ने फिर याद किया जैसी बहुत-सी सफल फ़िल्में कीं। सहायक के बाद रहमान चरित्र अभिनेता भी बनें और वक्त, आबरू, इंतकाम, दुश्मन, आप की कसम, आहिस्ता-आहिस्ता, राजपूत आदि कई फ़िल्मों में भिन्न-भिन्न किरदार अभिनीत किए।
रहमान ने स्वयं को कभी स्टार नहीं माना। वे हमेशा स्कैंडल्स से बचे रहे और फ़िल्मी चकाचौंध से दूर रहे। फ़िल्म-जगत की चमक-दमक से अलग वे किताबें पढ़ने, शतरंज खेलने और बढ़िया भोजन करने में ही अपना वक्त गुजारना पसंद करते थे। इनके खानदानी व्यक्तित्व को देख कर ही लोग इन्हें फ़िल्म ‘साहिब बीबी और ग़ुलाम’ के बाद साहब कहने लगे थे। 5 नवम्बर 1984 को रहमान का गले में हुए कैंसर की वजह से निधन हो गया।
#प्रमुख_फिल्में
1982 दिल आखिर दिल है,वकील बाबू,राजपूत,1981 आहिस्ता आहिस्ता,1979 सलाम मेमसाब,1977 चाचा भतीजा,अमानत,आशिक हूँ बहारों का,1975 आँधी ,1974 आप की कसम,प्रेम शास्त्र, दोस्त 1973 हीरा पन्ना ,1971 दुश्मन,1968 आबरू, शिकार,1964 गज़ल,1963 ये रास्ते हैं प्यार के,मेरे महबूब, ताजमहल,1962 साहिब बीबी और ग़ुलाम,1961 धर्मपुत्र,1960 चौदहवीं का चाँद,1958 फिर सुबह होगी,1957 प्यासा