मुबारक साल गिरह। रमेशचंद्र गंगाराम ‘बापू’ नाडकर्णी (04 अप्रैल 1933) एक पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी थे। वह इकोनॉमिकल गेंदबाज होने के लिए जाने जाते थे। इन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 1955 से 1968 तक टेस्ट क्रिकेट खेला है, जिसमें इनकी इकोनॉमी रेट 1.67 रही है जो कि किसी भी गेंदबाज से सबसे कम है।
1950-51 में पुणे विश्वविद्यालय के लिए रोहिंटन बरिया ट्रॉफी से नाडकर्णी ने क्रिकेट में जगह बनाकर भारतीय टीम के लिए बाद में खेले थे। उन्होंने अगले वर्ष में महाराष्ट्र के लिए अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत की। दो साल बाद उन्होंने ब्रेबोर्न स्टेडियम में बॉम्बे के खिलाफ अपना पहला शतक बनाया था। नाडकर्णी ने सिर्फ 103 मिनटों में शतक बनाया था जिसमें इन्होंने नाबाद 103 रन बनाए और आखिरी विकेट के लिए सदाशिव पाटिल के साथ 103 रन जोड़े थे।
1955-56 में फिरोज शाह कोटला में खेले गए टेस्ट में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इन्हें चुना गया था, तब वीनू मांकड़ ने खुद को विश्राम दिया था। उन्होंने नाबाद 68 रन बनाए, लेकिन 57 ओवर तक गेंदबाजी के बाद भी उन्हें कोई भी विकेट नहीं मिला था। लेकिन जब मांकड़ वापस टीम में आये, तो नाडकर्णी ने खुद को टीम से बाहर कर लिया। उसी साल नाडकर्णी महाराष्ट्र के कप्तान बने थे। बापू नाडकर्णी को क्रिकेट जगत में सबसे इकोनॉमिकल गेंदबाज कहा जाता है क्योंकि इन्होंने अपने कैरियर में बहुत ही किफायती गेंदबाजी की थी।
इन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कुल 41 टेस्ट क्रिकेट मैच खेले थे जिसमें 88 विकेट अपने नाम किये थे जबकि बल्लेबाजी में भी शानदार क्रिकेट खेलते हुए 1 शतक और 7 अर्धशतक की बदौलत 14,14 रन बनाये थे। इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए 1963-64 में मद्रास में रिकॉर्ड तोड़ गेंदबाजी करते हुए लगातार 21 ओवर मेडन किये थे जो कि सबसे ज्यादा लगातार मेडन ओवर निकालने वाले एकलौते गेंदबाज है। हालाँकि पूर्व में 8 गेंदों का ओवर हुआ करता था तब ह्यूज टेफील्ड ने लगातार 137 गेंदे (17-1 ओवर) बिना कोई रन दिए फेंके थे। इस मैच में नाडकर्णी ने लगातार 21 ओवर और 5 गेंदे बिना कोई रन दिए निकाली थी अर्थात (131 डॉट गेंदे) बिना कोई रन दिए ही फेंकी थी और इसके आखिर में पहला रन दिया था। इस मैच में इन्होंने 32 ओवर गेंदबाजी की थी। इन 32 में से 27 ओवर मेडन फेंके थे और महज 5 ही रन दिए थे। बापू नाडकर्णी का निधन 17 जनवरी, 2020 को मुम्बई, में हुआ था। बीमारियों के चलते 86 वर्ष में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था । एजेन्सी