#जयप्रकाशउत्तराखंडी-1950 के दशक की शीर्ष और खूबसूरत फिल्म नायिका शीला केवल रमानी मसूरी के जरिये ही फिल्मों में पहुंची थी. उन दिनों फिल्म निर्माता निर्देशक मसूरी और शिमला जैसे अंग्रेजीदां हिल स्टेशनों में गर्मियों में होने वाले ‘ मिस’ या ‘ क्वीन’ प्रतियोगिताओं में नयी खूबसूरत अभिनेत्रियों की तलाश में चक्कर लगाते,और टाप रहने वाली युवतियों को फिल्मों में लाने को बेताब रहते थे.
1950 में फिल्म निर्देशक हेमन गुप्ता अभिनेत्री की तलाश में मसूरी उस साल उतर भारत के मशहूर सेवाय होटल में आयोजित ऐसी ही एक प्रतियोगिता में पहुंचे थे, उस साल शीला केवल रमानी (2 मार्च 1932) ‘मिस मसूरी 1950’ चुनी गयी थी, हेमन गुप्ता ने समारोह में घोषणा की कि वह उन्हे अपनी अगली फिल्म ‘आनंद मठ’ में एक रोल दे रहे हैं. और फिल्मों को एक नायाब और खूबसूरत नायिका मिल गयी. चर्चित फिल्म आनंद मठ 1952 में आयी थी.
1932 में अविभाजित भारत के सिंध (पाकिस्तान) में जन्मी शीला केवल रमानी मेरे बचपन की पसंदीदा नायिका रही. मुझे उनकी फिल्म फंटूश(1956) की खूब याद है, जिसके नायक देवानन्द थे, देवानन्द ने इस फिल्म में पागल का लाजबाब अभिनय किया था. मुझे याद है यह फिल्म मैंने 1960 में जुबली थियेटर (मसूरी) में देखी थी, जुबली उन दिनों उतर गयी प्रसिद्ध फिल्मों को दुबारा दिखाने के लिए मशहूर था. उन दिनों वहां सबसे सस्ता टिकट आठ से दस आने का था.
शीला केवल रमानी सुंदरतम नायिका की अंतिम फिल्म 1967 की आवारा लडकी थी.वह 1950 के दशक की सबसे महंगी नायिका थी, देवानन्द,किशोर कुमार के साथ उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मे टेक्सी ड्राइवर (1954), फंटूश(1956)नौकरी(1956 ) हैं, शीला जी ने लगभग 30 फिल्में की, 1958 की पहली सिंधी फिल्म अबाना में शीला जी नायिका थी, उन्होने इस फिल्म में आयी एक नयी एक्सट्रा अभिनेत्री को इतना प्रोत्साहित किया कि वह आगे चलकर बालीवुड की फिल्म नायिका साधना के नाम से प्रसिद्धि की सबसे ऊंची पायदान पर जा पहुंची.
प्रसिद्ध फिल्म नायिका बनने के बाद भी शीला केवल रमानी 1960 के दौर में मसूरी आती रही, मुझे याद है उन दिनों वह प्रसिद्ध खलनायक तिवारी के साथ माल रोड पर घूमने निकली तो एक हुजूम सा उनके पीछे था. शीला केवल रमानी ने कई बार अपने इंटरव्यू में कहा था कि भले ही वह सिंध में पैदा हुई, पर मसूरी मेरी असल जन्मभूमि है, जिसने मुझे फलक की रोशनियों तक जा पहुंचाया… शीला जी ने एक बडे उद्योगपति से विवाह कर फिल्मों से सन्यास लिया और मध्यप्रदेश के किसी अज्ञात कस्बे में शांतिमय जीवन गुजारते हुए 15 जुलाई 2015 में 83 साल की उम्र में उनका निधन हुआ. शानदार अभिनेत्री थी शीला केवल रमानी..,
