राकेश अचल-धरती डोल रही है और आसमान कहर बरपा रहा है ,आखिर कुछ तो वजह है जो कुदरत इतनी नाराज है हम इंसानों से ? गुजिस्ता रात हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के एक बड़े हिस्से में भूडोल से दहशत फ़ैल गयी... Read more
राकेश अचल-पूरा देश दक्षिण के संगीतकारों,नर्तकों और लेखकों का कृतज्ञ है कि उसने ‘ नाटू-नाटू ‘ के जरिये देश को एक बार फिर झूमने का मौक़ा दे दिया.’ नाटू-नाटू ‘ को मिले आस... Read more
राकेश अचल -भारत में कितने कानून हैं ? यदि आप ये सवाल करें तो हर कोई अचकचा जाएगा,क्योंकि हमारा संविधान इतने अधिक कानूनों का जनक है की बस गिनते रहिये .22 भागों में विभाजित संविधान के 396 अनुच्... Read more
राकेश अचल । आज पूरे पचहत्तर साल हो गए हैं मोहनदास करमचंद गांधी को हमारे बीच से गये, लेकिन वे आज भी हर साल मारे जाते हैं, किंतु गांधी में औरों से अलग कुछ है जो उन्हें मरने नहीं देता। गांधी क... Read more
यह कहानी उस दौर की है जब एक औरत को मर्द के पैर की जूती से ज्यादा कुछ समझा नहीं जाता था, जब एक औरत के हाथ सिर्फ घर के काम और रोटियाँ सेंकने के ही काम आते थे।मिलिए उस दौर की ऐसी लड़की से जिसका... Read more
राकेश अचल। आग्रह का कच्चा हूं। कच्चा ही नहीं बल्कि बेहद कच्चा हूं इसीलिए मित्रों के आग्रह पर स्वयंभू सरकारों और तथाकथित संतों के बारे में लिख रहा हूं।न लिखूं तो पाठक और मित्र मुझे घोर शाप भी... Read more
राकेश अचल । खुशनसीब हैं गोस्वामी तुलसीदास जो सोलहवीं शताब्दी में पैदा होकर मर-खप गये।वे यदि इस दौर में पैदा होते तो उन्हें जान क वाले पड़ जाते। तुलसी की रामचरितमानस को लेकर अब राजनीतिक दल ह... Read more
राकेश अचल । माघ में जब सूर्य मकर राशि पर जाते हैं तब सब लोग तीर्थराज प्रयाग को आते हैं। देवता, दैत्य, किन्नर और मनुष्यों के समूह सब आदरपूर्वक त्रिवेणी में स्नान करते हैं। वर्ष 2023 के माघ मे... Read more
धार्मिक सद्भाव और सामाजिक प्रतिरोध का त्योहार है लोहड़ी,-गोबर पट्टी का मीडिया छिपाता है यह महत्वपूर्ण बात। जहां जहां पंजाबी समाज है वहां वहां पूरे देश में लोहड़ी का त्यौहार पूरे जोश-खरोश से म... Read more
राकेश अचल। अपने देश की सियासत पर लिखना,अपना समय बर्बाद करना है, किंतु जब कोई विकल्प ही न हो तो सियासत पर लिखे बिना भी नहीं रहा जाता। दुर्भाग्य ये है कि नीति की बात करने वाले त्रेता में भी लत... Read more