स्मृति शेष । भवानी प्रसाद मिश्र हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे। भवानी प्रसाद मिश्र दूसरे तार-सप्तक के प्रमुख कवि हैं। मिश्र जी विचारों, संस्कारों और अपने कार्यों से पूर्णत ग... Read more
जयंती पर विशेष । महादेवी वर्मा हिन्दी भाषा की प्रख्यात कवयित्री हैं। महादेवी वर्मा की गिनती हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभ सुमित्रानन्दन पन्त, जयशंकर प्रसाद और सूर्यकान्त... Read more
पुण्यतिथि पर विशेष-शिवानी “गौरा पन्त” हिन्दी की सुप्रसिद्ध उपन्यासकार थीं। हिंदी साहित्य जगत में शिवानी ऐसी शख्सियत रहीं, जिनकी हिंदी, संस्कृत, गुजराती, बंगाली, उर्दू तथा अंग्रेज... Read more
केदारनाथ सिंह , हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार थे। वे अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि रहे। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन्हें 2013 का 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था।... Read more
स्मृति शेष। मेरा नाम मुसलमानों जैसा है मुझ को कत्ल करो और मेरे घर में आग लगा दो। मेरे उस कमरे को लूटो जिस में मेरी बयाज़ें जाग रही हैं और मैं जिस में तुलसी की रामायण से सरगोशी कर के कालिदास... Read more
जयंतो पर विशेष-फणीश्वरनाथ रेणु हिन्दी कथा साहित्य के महत्त्वपूर्ण रचनाकार थे। फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ का जन्म 4 मार्च 1921 को बिहार के पूर्णिया के ‘औराही हिंगना’ गांव में... Read more
फ़िराक़ गोरखपुरी उर्दू भाषा के प्रसिद्ध रचनाकार है। उनका जन्म 28 अगस्त 1896 को गोरखपुर, में कायस्थ परिवार में हुआ। इनका मूल नाम रघुपति सहाय था। रामकृष्ण की कहानियों से शुरुआत के बाद की शिक्ष... Read more
वृंदावनलाल वर्मा ऐतिहासिक उपन्यासकार एवं निबंधकार थे। इनका जन्म मऊरानीपुर में हुआ था। इनके पिता का नाम अयोध्या प्रसाद था। वृंदावनलाल वर्मा जी के विद्या-गुरु स्वर्गीय पण्डित विद्याधर दीक्षित... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष स्वप्निल संसार। अमृतलाल नागर,हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इन्होंने नाटक, रेडियोनाटक, रिपोर्ताज, निबन्ध, संस्मरण, अनुवाद, बाल साहित्य आदि के क्षेत्र में भी महत्त्वपू... Read more
जयंती पर विशेष- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्... Read more