सरदार हरि सिंह नलवा , महाराजा रणजीत सिंह के सेनाध्यक्ष थे जिन्होने पठानों के विरुद्ध किये गये कई युद्धों का नेतृत्व किया। रणनीति और रणकौशल की दृष्टि से हरि सिंह नलवा की तुलना भारत के श्रेष्ठ... Read more
स्वप्निल संसार। पांचवें सिख गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी को शहीदों के सरताज कहा जाता है। आप शांति के पुंज, मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी तथा अपने युग के... Read more
कहते हैं अत्याचार और अन्याय को सहन करना भी अन्याय के बराबर होता है। मुगलों की बर्वरता से जब गुरुतेगबहादुर को बलिदान देना पड़ा तब उनके बेटे गोविन्दराय के मन में यही बात कांटे की तरह चुभने लगी।... Read more
मानवता 9वें सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान की ऋणी रहेगी, वे एक महान योद्धा, आध्यात्मिक व्यक्तित्व और मातृभूमि के प्रेमी थे। उन्होंने सार्वभौमिक भाईचारे और धार्मिक स्वतंत... Read more
नानक देव जी सिखों के प्रथम (आदि गुरु) हैं। इनके अनुयायी इन्हें नानक, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। लद्दाख व तिब्बत में इन्हें नानक लामा भी कहा जाता है। नानक देव जी अपने व्य... Read more
गुरु गोबिन्द सिंह सिखों के दसवें गुरु थे। उनके पिता गुरू तेग बहादुर की मृत्यु के उपरान्त 11 नवम्बर 1675 को वे गुरू बने। वह महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे। 1699 में बैसाखी के... Read more
गुरू राम दास, सिखों के गुरु थे और उन्हें गुरु की उपाधि 30 अगस्त 1574 को दी गयी थी। उन दिनों जब विदेशी आक्रमणकारी एक शहर के बाद दूसरा शहर तबाह कर रहे थे, तब ‘पंचम् नानक’ गुरू राम... Read more
गुरू राम दास, सिखों के गुरु थे और उन्हें गुरु की उपाधि 30 अगस्त 1574 को दी गयी थी। उन दिनों जब विदेशी आक्रमणकारी एक शहर के बाद दूसरा शहर तबाह कर रहे थे, तब ‘पंचम् नानक’ गुरू राम... Read more
महाराजा रणजीत सिंह वे शेर-ए पंजाब के नाम से प्रसिद्ध हैं। जाट सिक्ख महाराजा रणजीत एक ऐसी व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल पंजाब को एक सशक्त सूबे के रूप में एकजुट रखा, बल्कि अपने जीते-जी अंग्रेजो... Read more
स्वप्निल संसार। पांचवें सिख गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी को शहीदों के सरताज कहा जाता है। आप शांति के पुंज, मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी तथा अपने युग के... Read more