आम चुनाव में सत्ता पाने के लिए
नरेश दीक्षित संपादक समर विचार। देश में आम चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहे हैं घबरायी बी जे पी मंदिर के नाम पर राम की शरण में पहुंच गई हैं । हिन्दी भाषी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के विधान सभा चुनाव में सत्ता रूढ़ बी जे पी सत्ता के बाहर होने के खतरे से नेत्रत्व की उलझनें बढ़ गई है ।
लगभग साढ़े चार साल से खामोश सरकार जब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जनवरी तक टाल कर बी जे पी की चुनावी रणनीतिक चाल में फंसने से इंकार कर दिया तो अब सुप्रीम कोर्ट को भी धमकाया जा रहा है । वैसे भी राम मंदिर वाली हांड़ी चुनावी चूल्हे पर बार-बार चढती नजर नहीं आ रही है ? सब का साथ सब का विकास के नारे पर सत्ता में आने वाली सरकार अंतिम समय पर सिफ॔ मंदिर तक सिमट कर रह गई है ।
सी बी आई, आर बी आई सुप्रीम कोर्ट के घटना क्रम ने सरकार को अचानक एक संकट में डाल दिया है ।
देश की जनता पहले से ही नोटबंदी, जी एस टी, कच्चे तेल की बढती कीमत और किसानों के उपयोग में आने वाली फासफेटिक खादों के बढ़ते दामों से घिरी सरकार को बाहर निकालने का मौका नहीं मिल रहा है ।
राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने रही सही कसर भी पूरी कर दी है । कांग्रेस राज के भ्रष्टाचार से तंग आकर देश की जनता ने एक बेदाग चेहरे के रूप में नरेंद्र मोदी को देखती थी लेकिन राफेल सौदे में अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के आरोप ने उनकी चमक को धुंधला कर दिया है ।
अपनी सियासी उम्मीदों को रोशन करने के लिए आम चुनाव में बी जे पी बड़ी तैयारी कर रही है आम चुनाव के छः माह पूर्व मंदिर के नाम पर हिन्दुओं को संगठित कर ध॔म की आग में झोकने का काम किया जा रहा है।
इस दीपावली को अयोध्या में भव्यतम बनाने के लिए यूपी सरकार अपना पुरा लाव लस्कर लगा दिया है और पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है
सरयू तट पर भगवान राम की 328 फिट ऊंची मुर्ति लगाने की भी घोषणा की जायेगी जिस पर 400 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से खच॔ किया जायेगा ।
दीपावली पर भव्यता के लिए विदेशी कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है सभी बी जे पी नेताओं, सांसदों को दीपावली के मौके पर अपने अपने क्षेत्र में राम राज्य आ जाने का संदेश प्रचारित करने को कहा गया है । सरकार 2019 के आम चुनाव में अपने प्रचार का मुख्य फोकस हिन्दूवाद और राष्ट्र वाद को ही रखने वाली है । सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह संकेत मिलने के बाद कि मंदिर का फैसला आम चुनाव के पहले आने की उम्मीद नहीं है। भाजपा सम॔थित हिन्दू संगठन व साधू संत सरकार पर मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है ।
राम मंदिर निर्माण का मुद्दा सरकार के लिए गले की फांस बन गया है जो न निगलते बन रही न उगलते?/