स्वप्निल संसार। लखनऊ। STF ने इनामी और खूंखार डकैत मुनेश यादव को किया गिरफ्तार, बीहड़ के गांवों में वसूलता था रंगदारी
यूपी में जालौन , औरैया और इटावा और मध्य प्रदेश के भिंड जिले के बीहड़ी गांवों में आतंक फैलाने वाले 15 हजार के इनामी डकैत मुनेश यादव @गंगा को एसटीएफ ने दबोच लिया। वह पिछले साल झांसी कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस हिरासत से भाग गया था। गंगा पर हत्या, अपहरण, बलात्कार सहित दर्जनों मामले दर्ज हैं। यूपी STF के DIG/ SSP मनोज तिवारी के निर्देशन में कानपुर की STF इकाई द्वारा की गई गिरफ्तारी से आधा दर्जन जिलों में कायम गंगा की दहशत अब खत्म हो गई है।
जालौन जिले के रामपुरा थाना क्षेत्र के सुल्तानपुरा जागीर गांव निवासी इनामी डकैत मुनेश यादव@गंगा प्रसाद
बीहड़ के गांवों में रंगदारी वसूलता था। चम्बल के खूंखार डाकू गिरोहों का सक्रिय सदस्य राह चुके गंगा की इस दौर में इतना खौफ कायम था कि उसके फरमान को सुन दहशतजदा लोग उसे अपनी खेतीबाड़ी भी बेचकर रंगदारी अदा कर देने को मजबूर होते थे।
बदमाश गंगा प्रसाद पर हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार और अपहरण के कई मामले दर्ज हैं। रामपुरा क्षेत्र के सुल्तानपुरा, हुक्मपुरा, बिलौर, किशनपुरा, राटौरनपुरा, हनुमंतपुरा और मड़इयन आदि गांवों में उसकी दहशत थी। डकैत पहलवान सिंह गूर्जर और जगजीवन सिंह परिहार गिरोह का सदस्य रहे गंगा ने पुलिस हिरासत से भागने के बाद मुनेश यादव के साथ नया गैंग बना लिया था। ये गैंग बीहड़ के गांव में रंगदारी वसूल रहा था। दहशत का आलम ये था कि कोई भी प्रधान या ग्रामीण पुलिस से शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। तीन चार माह पूर्व निनावली और सिद्वपुरा गांव के प्रधानों से रंगदारी मांगी थी। रुपये न देने पर प्रधानों ने गांव छोड़ दिया। सूत्रों के अनुसार कुछ माग पूर्व गंगा ने गांव की एक महिला को अगवा कर एक रात अपने पास रखा था। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ ने उसे दबोचा
अपने मालिक की कर दी थी हत्या मुनेश यादव और
गंगा प्रसाद वर्ष 2013 में सुलतानपुर गांव के किसान सुखबीर का ट्रैक्टर चलाता था। किसी बात पर उसकी सुखबीर से अनबन हो गई। इस पर उसने सुखबीर की हत्या कर दी। 2014 में रामपुरा पुलिस ने उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया। 2015 मुनेश यादव और गंगा प्रसाद ने झांसी के समदर गांव से कबाड़ व्यापारी मुस्तफा का अपहरण कर परिजनों से 40 लाख की फिरौती वसूली थी।
मौरंग के ट्रकों से भी करता था वसूली
संगीन अपराधों के अलावा गंगा ने हाल ही में मध्यप्रदेश की ओर से आने वाले मौरंग के ट्रकों से भी वसूली का धंधा शुरू किया था। अपने गैंग के साथ वह सुलतानपुरा और द्वार घाट पर खड़ा रहता था और निकलने वाले मौरंग के हर ट्रक से 2000 रुपये की वसूली करता था।
मुनेश यादव ने कहा, अपहरण के मामले में झांसी जेल में बंद था
एसटीएफ की हिरासत में मुनेश यादव ने बताया कि इटावा के पूर्व एसओजी प्रभारी ने उसे झांसी पेशी के दौरान भागने में मदद की थी। उसके साथ अपहरण कांड का एक और आरोपी भागा था। गंगाप्रसाद ने बताया कि वर्ष 2014 में साकिन लोहारी समथर निवासी तत्कालीन एसओजी प्रभारी इटावा रहीम खां ने गांव के रिश्ते के बहनोई मुस्तफा का अपहरण उससे कराया था। इसमें 51 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। बाद में रहीम ने ही मुस्तफा एवं उसके बीच में पड़कर 35 लाख रुपये फिरौती में मामला निपटाया था। घर पहुंचने पर मुस्तफा को सारी बात पता चली। उसे यह भी पता चला कि रहीम हनुमंतपुरा बिठौली के बीहड़ में मात्र 10 लाख रुपये लेकर पहुंचा था। इसके बाद से मुस्तफा रहीम से बाकी 25 लाख रुपये मांगने लगा। बाद में पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए मुनेश यादव को गिरफ्तार कर लिया। मुनेश यादव ने बताया कि इसी मामले में रहीम, उसका साथी और वह झांसी जेल में बंद थे। जेल में भी मुस्तफा का परिवार रहीम से रुपये लौटने के लिए दबाव डाल रहा था। बकौल गंगाप्रसाद, मुस्तफा और उसके परिवार को धमकाने के लिए ही रहीम ने उसे और उसके साथी को भागने की तरकीब बताई थी। मुनेश यादव का कहना है कि इसके लिए रहीम ने लाखों रुपये खर्च किए थे। बताया कि बाद में रहीम को सजा हो गई और वह झांसी जेल में ही बंद है।
जगजीवन गैंग से दोस्ताना और सलीम से रहा छत्तीस का आंकड़ा
मुनेश यादव ने बताया कि वर्ष 1996 में उसकी सलीम गुर्जर गैंग ने पकड़ कर ली थी। डेढ़ माह तक वह सलीम गैंग की पकड़ में रहा। बाद में पुलिस मुठभेड़ में सलीम के कई साथी मारे गए और वह भाग निकला। इसके बाद से सलीम उसका दुश्मन बन गया था। इसी दौरान डाकू जगजीवन गैंग से उसका दोस्ताना हो गया। सलीम का दिल्ली तक उसने पीछा नहीं छोड़ा। इसी के चलते आज भी उसका सिक्का अपने क्षेत्र में चलता है। उसकी जुबान पर सभी काम हो जाते हैं।
-मुखबिर की सूचना पर कानपुर एसटीएफ ने दबोचा -पिछले साल झांसी कोर्ट में पेशी के दौरान भागा