हिन्दी के प्रथम तिलिस्मी लेखक बाबू देवकी नन्दन खत्री को हिंदी का पहला मौलिक उपन्यासकार होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने ‘चंद्रकांता’, ‘चंद्रकांता संतति’, ‘काजर... Read more
हिन्दी के प्रथम तिलिस्मी लेखक बाबू देवकी नन्दन खत्री को हिंदी का पहला मौलिक उपन्यासकार होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने ‘चंद्रकांता’, ‘चंद्रकांता संतति’, ‘काजर... Read more