– वीर विनोद छाबड़ा-तीस के दशक का दकियानूस भारतीय समाज और सिनेमा। स्त्री होने का मतलब चारदीवारी के भीतर था और बिस्तर की शोभा। पुरुष के अहंकार से लबरेज़ समाज। पुरुष कितना भी क्रूर हो, पत्न... Read more
– वीर विनोद छाबड़ा-तीस के दशक का दकियानूस भारतीय समाज और सिनेमा। स्त्री होने का मतलब चारदीवारी के भीतर था और बिस्तर की शोभा। पुरुष के अहंकार से लबरेज़ समाज। पुरुष कितना भी क्रूर हो, पत्न... Read more
– वीर विनोद छाबड़ा-तीस के दशक का दकियानूस भारतीय समाज और सिनेमा। स्त्री होने का मतलब चारदीवारी के भीतर था और बिस्तर की शोभा। पुरुष के अहंकार से लबरेज़ समाज। पुरुष कितना भी क्रूर हो, पत्न... Read more