जीवन चक्र का चौथा पड़ाव अर्थात बुढ़ापा कई तरह से दुखदाई होता है लेकिन यह नियति है जिसे रोका भी नहीं जा सकता। इस उम्र तक पहुंचते ही इन्द्रियां शिथिल पडऩे लगती हैं और चलना-फिरना दूभर हो जाता ह... Read more
जीवन चक्र का चौथा पड़ाव अर्थात बुढ़ापा कई तरह से दुखदाई होता है लेकिन यह नियति है जिसे रोका भी नहीं जा सकता। इस उम्र तक पहुंचते ही इन्द्रियां शिथिल पडऩे लगती हैं और चलना-फिरना दूभर हो जाता ह... Read more
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