(13 नवंबर 1917 – 11 सितंबर 1964) जगदीश्वर चतुर्वेदी। नामवर सिंह निर्विवाद रूप से सबसे बड़े आलोचक हैं। लेकिन आलोचना में मुक्तिबोध की छाया का भी स्पर्श क्यों नहीं कर पाए ? मुक्ति... Read more
(13 नवंबर 1917 – 11 सितंबर 1964) जगदीश्वर चतुर्वेदी। नामवर सिंह निर्विवाद रूप से सबसे बड़े आलोचक हैं। लेकिन आलोचना में मुक्तिबोध की छाया का भी स्पर्श क्यों नहीं कर पाए ? मुक्ति... Read more
गजानन माधव मुक्तिबोध हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे। प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच के सेतु भी थे । मुक्तिबोध के पूर्वज के जलगाँव (खानदेश) क... Read more
(13 नवंबर 1917 – 11 सितंबर 1964) जगदीश्वर चतुर्वेदी। नामवर सिंह निर्विवाद रूप से सबसे बड़े आलोचक हैं। लेकिन आलोचना में मुक्तिबोध की छाया का भी स्पर्श क्यों नहीं कर पाए ? मुक्ति... Read more
गजानन माधव मुक्तिबोध हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे। प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच के सेतु भी थे । मुक्तिबोध के पूर्वज के जलगाँव (खानदेश) क... Read more
(13 नवंबर 1917 – 11 सितंबर 1964) जगदीश्वर चतुर्वेदी। नामवर सिंह निर्विवाद रूप से सबसे बड़े आलोचक हैं। लेकिन आलोचना में मुक्तिबोध की छाया का भी स्पर्श क्यों नहीं कर पाए ? मुक्ति... Read more
जयंती पर विशेष (13 नवंबर 1917 – 11 सितंबर 1964) जगदीश्वर चतुर्वेदी। नामवर सिंह निर्विवाद रूप से सबसे बड़े आलोचक हैं। लेकिन आलोचना में मुक्तिबोध की छाया का भी स्पर्श क्यों नहीं कर... Read more
(13 नवंबर 1917 – 11 सितंबर 1964) जगदीश्वर चतुर्वेदी। नामवर सिंह निर्विवाद रूप से सबसे बड़े आलोचक हैं। लेकिन आलोचना में मुक्तिबोध की छाया का भी स्पर्श क्यों नहीं कर पाए ? मुक्ति... Read more
जयंती पर विशेष (13 नवंबर 1917 – 11 सितंबर 1964) जगदीश्वर चतुर्वेदी। नामवर सिंह निर्विवाद रूप से सबसे बड़े आलोचक हैं। लेकिन आलोचना में मुक्तिबोध की छाया का भी स्पर्श क्यों नहीं कर... Read more
जयंती पर विशेष (13 नवंबर 1917 – 11 सितंबर 1964) जगदीश्वर चतुर्वेदी .नामवर सिंह निर्विवाद रूप से सबसे बड़े आलोचक हैं। लेकिन आलोचना में मुक्तिबोध की छाया का भी स्पर्श क्यों नहीं कर... Read more