कहते हैं अत्याचार और अन्याय को सहन करना भी अन्याय के बराबर होता है। मुगलों की बर्वरता से जब गुरुतेगबहादुर को बलिदान देना पड़ा तब उनके बेटे गोविन्दराय के मन में यही बात कांटे की तरह चुभने लगी।... Read more
कहते हैं अत्याचार और अन्याय को सहन करना भी अन्याय के बराबर होता है। मुगलों की बर्वरता से जब गुरुतेगबहादुर को बलिदान देना पड़ा तब उनके बेटे गोविन्दराय के मन में यही बात कांटे की तरह चुभने लगी।... Read more
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