शंकराचार्य ने चार धाम इसीलिए बनाये थे कि एक स्थान के लोग दूसरे स्थान पर जाएंगे तो उनसे कुछ सीखेंगे और कुछ सिखायेंगे। आपस में मिलकर बैठने, खाने-पीने से अपनत्व तो पैदा ही होता है, साथ ही अनु... Read more
शंकराचार्य ने चार धाम इसीलिए बनाये थे कि एक स्थान के लोग दूसरे स्थान पर जाएंगे तो उनसे कुछ सीखेंगे और कुछ सिखायेंगे। आपस में मिलकर बैठने, खाने-पीने से अपनत्व तो पैदा ही होता है, साथ ही अनु... Read more
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