अखिल भारतीय गांधीवादी कार्यकर्ता सम्मेलन हरिजन सेवक संघ एवं ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित
मुख्य अतिथि डाॅ थवार चंद गहलोत, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के सह-संस्थापक, शंकर कुमार सान्याल, अध्यक्ष, हरिजन सेवक संघ और अखिल भारतीय गांधीवादी रचनात्मक श्रमिक सम्मेलन
सर्वधर्म स्वच्छता हेतु जन सम्पर्क, अन्तर्राष्ट्रीय संबंध, विश्व एक परिवार है के सूत्र पर सहयोगात्मकता के आधार पर रिश्तों को मजबूत करने, युवाओं के कौशल विकास, स्व-रोजगार एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक उत्थान पर हुआ विचार मंथन
गांधी आश्रम, दिल्ली में दो दिवसीय अखिल भारतीय गांधीवादी कार्यकर्ता सम्मेलन के समापन अवसर पर डाॅ थवार चंद गहलोत, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। यह सम्मेलन हरिजन सेवक संघ एवं ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया।
सम्मेलन की शुरूआत प्रार्थना मन्दिर में सर्व-धर्म प्रार्थना एवं योग के साथ हुई जिसमें भारत के विभिन्न प्रांतों से हजारों की संख्या में आयें गांधीवादी कार्यकर्ता एवं गणमान्य अतिथियों ने सहभाग किया।
इस भव्य कार्यक्रम में डाॅ थवार चंद गहलोत, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार, स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के सह-संस्थापक,रामदास अठावले, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, भारत सरकार,शंकर कुमार सान्याल अध्यक्ष, हरिजन सेवक संघ और अखिल भारतीय गांधीवादी रचनात्मक श्रमिक सम्मेलन एवं अनेक विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
सम्मेलन मे सर्वधर्म स्वच्छता हेतु जन सम्पर्क, अन्तर्राष्ट्रीय संबंध, विश्व एक परिवार है के सूत्र पर सहयोगात्मकता के आधार पर रिश्तों को मजबूत करने, युवाओं के कौशल विकास, स्व-रोजगार एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक उत्थान पर विचार मंथन किया गया।
ग्लोबल इण्टर फेथ वाश एलायंस के द्वारा स्वच्छता के महत्व को समझाने हेतु पपेट शो एवं स्वच्छता-पर्यावरण संरक्षण विषयों पर आधारित प्रेरक डाक्यूमेन्ट्री फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने इस भव्य सम्मेलन में हजारों की संख्या में उपस्थित हरिजन सेवक संघ परिवार के सदस्यों को अपनी मातृभूमि को स्वच्छ एवं हरित रखने का संकल्प कराया। उन्होने सभी से आहृवान किया कि इस सर्वधर्म स्वच्छता एवं समरसता अभियान से जुड़कर अपने राष्ट्र को समृद्धि के शिखर तक पहुंचाने हेतु अपना योगदान प्रदान करें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज और शंकर कुमार सान्याल ने माननीय मंत्री डाॅ थवार चंद गहलोत को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। उन्होने कहा कि भारत को आॅक्सीजन बैंक, आॅक्सीजन उत्पादक देश बनाने हेतु मिलकर प्रयास करना नितांत आवश्यक है।
डाॅ थवार चंद गहलोत ने कहा ’सामाजिक न्याय धरती पर विद्यमान सभी जीवों की बुनियादी आवश्यकता है। हमारी धरती और अंबर एक है, तो फिर धार्मिक और सांस्कृतिक आधार पर भेदभाव कैसा। यह भेदभाव तो एक वैचारिक मतभेद है आज इस मंच से यहां उपस्थित धर्मगुरूओं के सानिध्य में हम सभी इस सोच से उपर उठने का एवं आपसी सम्बंधों को मजबुत करने के लिये प्रतिबद्ध होने का प्रयास करेंगे। उन्होने कहा कि हमें सामाजिक न्याय एवं सभी के हितों के लिये धर्मगुरूओं के सानिध्य में आगे बढ़ना होगा यही समय की मंाग भी है।’
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने सम्बोधित करते हुये कहा ’भारतीय संस्कृति का मूलमंत्र है आपसी प्रेम जिसमें मानव के साथ प्रकृति को भी बराबर का स्थान दिया गया है। उन्होने कहा सभ्य और सुसंस्कृत समाज में अस्पृश्यता जैसे शब्दों का कोई स्थान नहीं है। हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है विश्व एक परिवार है यह हमारा मूल मंत्र है इस भावना से नियंता ने बनायी इस पृथ्वी को दर्शन करे। स्वामी जी ने कहा कि विचारों और वातावरण में शुद्धता होना जरूरी है तभी कोई भी राष्ट्र प्रगति कर सकता है।’
साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा ’महिलायें समाज का आधारस्तम्भ है परन्तु वर्तमान समय में भी वे उत्पीड़न का शिकार हो रही है। महिलाओं ने धरती से लेकर आसमान तक उडा़न भरी है परन्तु आज भी समाज ने उन्हे पूर्ण स्वतंत्रता नहीें दी है। उन्होने कहा कि भारत का इतिहास गार्गी, जीजा बाई, रानी लक्ष्मीबाई और अनेक वीरागंनाओं से सुसज्जित है। आज हमारी बेटियोें को भी खुले आसमान में उडान भरने के लिये माहौल की जरूरत है और उन्हे यह उपलब्ध कराना हमारा कर्तव्य है।’
रामदास अठावले ने अपने उद्बोधन में समाज की एकता और समरसता पर जोर देते हुये कहा कि जब तक समाज में समरसता और एकता बनी रहेगी यह समाज बना रहेगा, आज समाज को इसकी आवश्यकता भी है। आज समाज में एकता और समरसता को और मजबुत करने की आवश्यकता है।
शंकर सान्याल ने पूज्य स्वामी को कोटि-कोटि धन्यवाद देते हुये आभार व्यक्त किया और कहा कि स्वामी जी के सानिध्य एवं आशीर्वाद के बिना यह सम्भव नहीं हो पाता। उन्होने उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों को सहृदय धन्यवाद दिया।