कहते हैं आंखें हैं तो जहान है। हम आंखों की ठीक से देखभाल नहीं करेंगे तो जहान को भी नहीं देख पाएंगे। सर्दियों में आंखों में अक्सर सूजन आ जाती है। आंखें लाल हो जाती हैं। आंखों की सूजन कंजेक्टिवाइटिस, वायरल इंफेक्शन, एलर्जी और कार्नियल अल्सर की वजह से हो सकती है। इसके अलावा नींद भरपूर न मिलने, किसी प्रकार के तनाव और सर्दी के कारण भी आंखों में सूजन आ जाती है। आजकल मोबाइल या लैपटाप पर पिक्चर देखने, मैसेज पढऩे, चाट करने आदि से भी आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है। किशोर-किशोरियों को तो दिन भर और रात में लिहाफ के अंदर मोबाइल या टैबलेट पर आंखें गड़ाए देखा जा सकता है। इसका आंखों पर बहुत गंभीर असर पड़ रहा है। इसलिए आंखों की देखभाल करने में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। आंखों को हमेशा साफ पानी से धोना चाहिए और गुलाब जल से भी आंखों की सफाई करते रहना चाहिए। आंखों पर बार-बार हाथ न लगाएं क्योंकि हाथों में अक्सर कीटाणु लगे रहते हैं और हाथों के माध्यम से ये कीटाणु आंखों में पहुंच जाते हैं। धूल आदि से बचने के लिए चश्मा लगाकर चलें।
इसके अलावा आंखों की जांच समय-समय पर कराते रहना चाहिए। महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि आई लाइनर लगाते समय पलकों के अंदरूनी हिस्से में न पहुंचे। ऐसा करने से आपकी आंखों को खूबसूरत बनाने वाला मेकअप आंख में मौजूद नमी अर्थात् आंसुओं में घुल सकता है। इस प्रकार काँटेक्ट लेंस पर इसकी परत चढ़ जाएगी और वैक्टीरिया आपकी आंख के अंदर पहुुंच जाएंगे। इसलिए आई लाइनर आंख के बाहरी हिस्से में ही लगे, इस बात का ध्यान रखना होगा। साथ ही यह मेकअप तब तक ही रहे जब तक आप सोने नहीं जा रही हैं। सोते समय भी गहरा मेकअप आंखों में लगा रहा तो आंखों के आसपास की ग्रंथियों को यह सौंदर्य प्रसाधन बंद कर सकता है।
महिलाओं के साथ पुरुषों में भी आंखों में लेंस लगवाने का प्रचलन बढ़ा है। आपने अपनी आंखों में चाहे जितनी भी गुणवत्ता वाले लेंस लगवा रखे हों लेकिन रात के समय उन्हें उतार कर ही सोयें। यदि आप रात्रिकालीन ड्यूटी करते हैं और दिन में गहरी नींद ले रहे हैं, तब भी लेंस उतार कर सोयें। गहरी नींद के समय अगर आप लेंस लगाये रखते हैं तो आंखों के कार्निया के हिस्से में आक्सीजन पहुंचने का रास्ता अवरुद्ध रहेगा और आपकी कार्नियां कमजोर हो जाएगी। इसी प्रकार की अन्य सावधानियां हैं जिनको अपनाना चाहिए। आंखों की जांच तो नियमित कराना ही अच्छा रहेगा। (हिफी)