पुण्य तिथि
गुरु तेग़ बहादुर 18 अप्रैल, 1621-24 नवम्बर 1675 सिक्खों के नौवें गुरु थे। विश्व के इतिहास में धर्म एवं सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में इनका अद्वितीय स्थान है। तेग़ बहादुर जी के बलिदान से हिंदुओं व हिन्दू धर्म की रक्षा हुई। हिन्दू धर्म के लोग भी उन्हें याद करते और उनसे संबंधित कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। तेग़ बहादुर सिंह 20 मार्च, 1664 को सिक्खों के गुरु नियुक्त हुए थे और 24 नवंबर, 1675 तक गद्दी पर आसीन रहे।
मोहम्मद शफ़ी क़ुरैशी
24 नवम्बर, 1929-,29 अगस्त 2016 देशके प्रमुख मुस्लिम राजनीतिज्ञों में से एक थे । इन्हें जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस पार्टी का संस्थापक माना जाता है। इन्होंने जम्मू-कश्मीर में राजनैतिक गतिविधियों में सक्रिय भाग लिया। नेशनल कान्फ्रेंस को राष्ट्रीय कांग्रेस में बदलने में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही थी। मोहम्मद शफ़ी क़ुरैशी ने जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय में वकालत भी की। 1965 में आप जम्मू-कश्मीर से राज्य सभा के लिये निर्वाचित हुए। इन्होंने बिहार और मध्य प्रदेश के राज्यपाल का पदभार भी ग्रहण किया था।
जयंती
सर छोटूराम – 24 नवम्बर, 1881, रोहतक- 9 जनवरी, 1945, लाहौर- भारत के स्वाधीनता सेनानी तथा राजनेता थे। गरीबों के बंधु के रूप में वह ‘रहबर ए आज़म’ कहे जाते थे। सर चौधरी छोटूराम शारीरिक रूप से छोटे कद के व्यक्ति थे, लेकिन उनके व्यक्तित्व का कद बहुत बड़ा था। वे दीन दु:खियों और गरीबों के बंधु, अंग्रेज़ हुकूमत के लिये ‘सर’ तो किसानों के लिये मसीहा थे। चौधरी छोटूराम का वास्तविक नाम राय रिछपाल था, लेकिन परिवार में सभी प्यार से उन्हें ‘छोटू’ कहकर पुकारते थे, फिर स्कूल के रजिस्टर में भी जाने-अंजाने इनका नाम छोटूराम ही दर्ज कर लिया गया और यहीं से बालक राय रिछपाल का वास्तविक नाम छोटूराम हो गया।
हीरा लाल शास्त्री
– 24 नवम्बर, 1899, जयपुर- 28 दिसम्बर, 1974 देश के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। उन्हें देश के प्रसिद्ध राजनेताओं में गिना जाता था। हीरा लाल शास्त्री को राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था। वे 30 मार्च, 1949 से 5 जनवरी, 1951 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे थे। उनकी यह अभिलाषा थी कि वे किसी गाँव में जाकर दीन-दलितों की सेवा में अपना जीवन लगा दें। हीरा लाल शास्त्री ने ‘वनस्थली विद्यापीठ’ की स्थापना की थी। इस विद्यापीठ ने आज नारी शिक्षा की एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्था का रूप ग्रहण कर लिया है।
मुबारक साल गिरह
सैयदा अनवरा तैमूर
– 24 नवम्बर, 1936, असम- राजनीतिज्ञ हैं। असम राज्य की राजनीति में उन्हें विशेष तौर पर पहचान मिली है। वे असम की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री रही हैं। ‘भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस’ में असम की प्रसिद्ध महिला राजनेत्री हैं। सैयदा अनवरा तैमूर 6 दिसम्बर, 1980 से 30 जून, 1981 तक असम की मुख्यमंत्री रहीं। असम के इतिहास में उन्होंने एक मात्र महिला और अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन किया है।