ऑस्ट्रेलिया में नस्लीय हिंसा का एक और मामला सामने आया है। यह हमला केरल से तालुक्क रखने वाले भारतीय टैक्सी ड्राइवर पर तस्मानिया राज्य के होबार्ट में किशोरों के एक समूह ने हमला किया। कोयट्टम के रहने वाले ली मैक्स को रॉयल होबार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके चेहरे और सीने पर गहरे घाव आए हैं। ली ने अपने रिश्तेदारों को बताया कि उस पर हमला बिना किसी उकसावे के किया गया है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने मैकडोनाल्ड आउटलेट के नजदीक अपनी कार रोकी, उसने तीन युवाओं को एक कर्मचारी से बहस करते हुए देखा लेकिन जल्द ही वो मेरी तरफ मुड़ गए और गुस्सा दिखाने लगे।
ड्राइवर ने एक मलयालम न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि उन तीनों में काली टीशर्ट पहने बड़े लड़के ने नस्लीय गालियां देना शुरू कर दिया और बिना किसी उकसावे के मुझ पर हमला कर दिया। मैं पूरी तरह से अचंभित था। जल्द ही बाकी के दो लड़कों भी मुझे मारने लगे। जाने से पहले उन लोगों ने मेरे घावों पर पानी डाला। उन्होंने बताया कि वह पिछले आठ साल से होबार्ट में काम कर रहे हैं और मैं कभी इस तरह के कड़वे अनुभव से नहीं गुजरा। मारने के वक्त वे मुझे जातीय शब्द बोल रहे थे। मुझे किसी ने नहीं बचाया और बाद में अपनी गाड़ी से भाग गए।