व्यक्ति की कुंडली में कई तरह के दोष और योग हो सकते है और काल सर्प योग इन्ही में से एक है। काल सर्प दोष तब बनता है जब सभी सात ग्रह राहु और केतु की छाया से घिरे हुए होते है। ऐसे कुछ लक्षण है जो व्यक्ति को यह बताते है कि उसकी कुंडली में काल सर्प योग है या नहीं। अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में काल सर्प योग है, तो उन्हें सपने में अक्सर मृत लोगों की तस्वीरें नजर आती है।
उन्हें सपने में मरे हुए पूर्वज या परिवार के ऐसे सदस्य जिनकी हाल ही में मृत्यु हुई है, वह नजर आते है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार अपने परिवार और समाज के प्रति समर्पित लोग काल सर्प योग से ज्यादा प्रभावित होते है। कुंडली में मौजूद इस योग के कारण उन्हें जीवन में संघर्ष करना पड़ता है और उनकी जरूरत के समय अकेला महसूस होता है।इस योग से पीड़ित लोगो को सांप और सांप के काटने का भय रहता है। उन्हें अक्सर सांपो से घिरे रहने के सपने आते है।
इसके अलावा इस योग की वजह से उन्हें ऊंचाई से गिरने और अकेलेपन का भय भी परेशान करता है। जो लोग काल सर्प योग के प्रभाव में पीड़ित होते है, उनको श्राद्ध अमावस्या के दिन या सर्वपित्रु अमावस्या दिवस पर विशेष श्राद्ध पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण है। इन शुभ दिनों पर की गयी ये पूजा काल सर्प योग के दोषपूर्ण प्रभावों को शांत करने में मदद करती है। नमः शिवाय जैसे पंचाक्षरी मंत्रो और रोजाना कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना कुंडली में इस योग को दूर करने के लिए एक प्रभावी तरीका है। नाग पंचमी के दिन उपवास रखें और नाग देवता की पूजा करें। इसके अलावा भगवान कृष्ण की पूजा करना और शनिवार या पंचमी के दिन नदी में 11 नारियल चढ़ाना भी प्रभावी रहता है।
नदी में धातु से बने हुए नाग और नागिन के 108 चढ़ाना और सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना भी एक प्रभावी उपाय है। साथ ही काल सर्प योग में गायत्री मंत्र का जाप करना भी महत्वपूर्ण है। साभार (हिफी)