गैर लोकतांत्रिक और दलित –पिछड़ा और मुसलमान विरोधी कानून है यूपीकोका – रिहाई मंच
यूपीकोका के तहत फर्जी गवाहों को खड़ा करके अपने राजनीतिक विरोधियों का दमन करना चाहती है योगी सरकार
लखनऊ स्वप्निल संसार . रिहाई मंच ने यूपीकोका को गैर लोकतांत्रिक कानून करार दिया. लखनऊ लाटूश रोड स्थित कार्यालय पर हुई बैठक में उत्तर प्रदेश विधान सभा के शीतकालीन सत्र में पास हुए संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम- 2017 को बैठक में उपस्थित सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने गैर लोकतांत्रिक और दलित –पिछड़ा और मुसलमान विरोधी बताया.
बैठक में ज़ैद अहमद फारूकी ने कहा कि इस क़ानून से कमजोर समाज के लोगों पर पुलिसिया उत्पीडन बढ़ेगा. योगी सरकार उस पुलिस को और ताकतवर बना रही है जो प्रतिदिन एक व्यक्ति को अपने हिरासत में मार देती है. उन्होंने कहा की यूपीकोका से सरकार पुलिस के जरिये फर्जी गवाहों खड़ा करके अपने राजनीतिक विरोधियों का दमन करना चाहती है.
बाम्बे हाई कोर्ट की वकील लारा जेसानी ने कहा की यूपीकोका के जरिये पुलिस टार्चर करके आम लोगों को फंसएगी. एक तरफ हमारी सरकारें अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर टार्चर न करने की संधि करती वहीँ दूसरी तरफ यूपीकोका के जरिये पुलिस को अमानवीय ढंग से टार्चर करने का अधिकार दे रही है.
अजय शर्मा ने बैठक में कहा कि यूपीकोका के खिलाफ एक जन अभियान चलाया जाये क्योंकि इस कानून की जद में आने वाले ज्यादातर सामाजिक – राजनीतिक और मानवाधिकार के नेता होंगे जो सडकों पर हाशिये के समाज की लड़ाई लड़ते हैं.
बैठक में रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुएब, शाहनवाज़ आलम, एमडी खान, अधिवक्ता सोलोमन, हादी खान, रफीक ,यावर हुसैन, शम्स तबरेज़,राजीव यादव ,अनिल यादव आदि उपस्थित थे.