लखनऊ। वक्त के साथ पुस्तकालयों को बदलना होगा। यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब पुस्तकालय केवल पढ़ने के केन्द्र नहीं रह गए है बल्कि वहां विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जरूरी जानकारियां हर उम्र के लोगों तक पहुंचायी जा रही है। यह सार है माध्यिमिक शिक्षा विभाग और राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउण्डेशन की ओर से आयोजित संगोष्ठी का। इसका आयोजन बुधवार 8 फरवरी को गोमती नगर के होटल ताज में किया गया।
राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउण्डेशन कोलकाता के महानिदेशक डॉ अरुण कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि उनकी योजनाएं दीर्घकालिक नहीं होती बल्कि क्षेत्र और समय की मांग के अनुरूप बदलती रहती हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के चलते यह दौर फुटफॉल का नहीं फिंगर फॉल का है।
मध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार ने बताया कि वर्तमान में लोगों के पास समय की कमी है ऐसे में ज्ञान जरूरतमंद तक पहुंचाना बड़ा लक्ष्य है। ऐसे में ई लाइब्रेरी के माध्यम से प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है।
राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउण्डेशन कोलकाता के उपनिदेशक सोमेन सरकार ने कहा कि समय आ गया है जब पुस्तकालयों को आधुनिक जरूरत के अनुरूप ढालना होगा। उन्हें महज रीडिंग सेंटर के बजाए मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित करना होगा। उन्होंने देश के दूर दराज के इलाकों में संचालित की जा रही मोबाइल लाइब्रेरी को भी वक्त के साथ बदलने की जरूरत है।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा ने बताया कि वह प्रदेश के 21 करोड लोगों तक विभिन्न जानकारियों को ले जाने के लिए कार्य कर रहे हैं। इस दिशा में आधुनिक पुस्तकालय अहम भूमिका अदा करेंगे।
राज्य पुस्तकालय सहयोग यूनिक के राज्य सलाहकार जतिन श्रीवास्तव ने मार्डन पुस्तकालय के मल्टी एक्टिविटी सेंटर के स्वरूप को विस्तार से बताया कि वह हब एंड स्पोक योजना पर कार्य रहे हैं। इसमें पायलेट प्राजेक्ट के रूप में लखनऊ की अमीरुद्दौला लाइब्रेरी को हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे अन्य पुस्तकालयों को जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से हब से काउसंलिंग, ट्रेनिंग आदि की जानकारियों इंटरनेट के माध्यम से प्रसारित की जाएंगी। ऐसे हब प्रदेश के रूप में उन्नाव का राजकीय जिला पुस्तकालय, इलाहाबाद की सेंट्रल लाइब्रेरी, रायबरेली राजकीय जिला पुस्तकालय और इटावा राजकीय जिला पुस्तकालय का चयन किया गया है। उनका मकसद पुस्तकालय से केवल युवा ही नहीं हर उम्र के लोग जुड़े इसलिए वहां समय समय पर विभिन्न गतिविधियां भी करवायी जाएंगी। इसके लिए आईटी विशेषज्ञों से प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। योजना को वृहद रूप से संचालित करने के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन, माध्यमिक शिक्षा विभाग, केन्द्रीय सूचना विभाग को भी जोड़ा जाएगा। आगामी पांच साल में 75 राजकीय जिला पुस्तकालय, एक केन्द्रीय राज्य पुस्तकालय, एक अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी के साथ 200 राजकीय जिला पुस्तकालय और 430 स्वैच्छिक संगठनों द्वारा संचालित पुस्तकालयों को मार्डन लर्निंग हब के रूप में विकसित करने की है।
राज्य सलाहकार राज्य पुस्तकालय सहायोग युनिट आईटी दीपक सिंह ने सार्वजनिक पुस्तकालय सबका विद्यालय के बारे में बताया कि ई लाइब्रेरी योजना के तहत विश्व ई बुक लाइब्रेरी से अनुबंध हो चुका है। इसके अंतर्गत डेढ़ लाख से अधिक पुस्तकों की उपलब्धता करवायी जा रही है। उन्होंने बताया कि मार्डन पुस्तकालय में कैफे की भी सुविधा मिलेगी। ऐसे पुस्तकालय करियर काउसिलिंग सेंटर के रूप में भी कार्य करेंगे। पुस्तकालयों में टच स्क्रीन, टैबलेट और लैबटॉप तक की सुविधा मिलेगी। पुस्तकालय बंधु के माध्यम से हर जिले को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
विशेष कार्याधिकारी पुस्तकालय प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश शासन डॉ मृदुला पंडित ने इस पूरी योजना को विस्तार से बताया। मध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्तराखंड आर के कुंवर ने बताया कि जल्द ही राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउण्डेशन कोलकाता की मदद से केन्द्रीय राज्य पुस्तकालय का गठन किया जाएगा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन नबी हसन, आईआईएम लखनऊ के लाइब्रेरियन एम यू रजा, वैज्ञानिक अरविंद मिश्रा, पूर्व आईएएस डीपी सिन्हा ने भी अपने विचार रखें। इस मौके पर राज्य पुस्तकालय सहयोग युनिट की कोडिनेटर विनि एलेक्जेंडर और रामेन्द्र द्विवेदी ने पीपीटी के माध्यम से योजना समझायी।