स्वप्निल संसार। लखनऊ: आम तौर पर सभी राजनीतिक दल अपराध के खिलाफ एक ही सुर में बोलते दिखते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव करीब आते है तो इन्हीं पार्टियों की सच्चाई जनता के सामने आने लगती है। इस बार कुछ नज़ारा ऐसा ही है। हर चुनाव की तरह सभी पार्टियां जोर शोर से ‘बाहुबली’ दागी उम्मीदवारों को टिकट बाँट कर चुनाव मैदान में उतार रही हैं। अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो उत्तर प्रदेश के पहले चरण की 73 सीटों पर जो 20 फीसदी प्रत्याशी है उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, रालोद आदि पार्टियों ने आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को दिल खोलकर टिकट दिया है। यदि हम करोड़पति उम्मीदवारों की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी ने 66 ‘ अमीर’ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। यदि हम 2017 के चुनाव की तुलना 2012 के चुनाव से करें तो इस बार के चुनावों में दागियों को टिकट देने में कमी देखने को मिली है। ये एक अच्छा संकेत है। 2012 में इन्ही प्रथम चरण की सीटों पर 32 फीसदी दागी मैदान में उतरे थे। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और यूपी इलेक्शन वॉच ने पहले चरण की 73 सीटो के लिए 839 प्रत्याशियों में से 836 के हलफनामों का ब्यौरा जारी किया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और यूपी इलेक्शन वॉच के हलफनामे के अनुसार भाजपा के 73 प्रत्याशियों में से 40 फीसदी यानी 29 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। ये ऐसे अपराध हैं, जिनमें पांच या उससे ज्यादा की सजा हो सकती है। इसी प्रकार से बसपा के 73 में से 38 फीसदी यानी 28 प्रत्याशियों के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं समाजवादी पार्टी की बात करें तो उसके 51 प्रत्याशियों में से 15 यानी 29 फीसदी के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। रालोद के 57 प्रत्याशियों में से 33 फीसदी यानी 19 के खिलाफ और कांग्रेस के 24 में से 25 फीसदी यानी 6 प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। ध्यान देने वाली बात है कि पहले चरण के 26 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां तीन या उससे ज्यादा उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि हैं। एडीआर ने इन्हें दागी बाहुल्य निर्वाचन क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है। केवल यही नहीं बल्कि पांच प्रत्याशी तो ऐसे भी हैं जिन पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है जबकि 15 हत्या के मामले में आरोपी हैं। करोड़पति नेताओं की बात करें तो पहले चरण में कुल 14 प्रतिशत प्रत्याशियों की संपत्ति पांच करोड़ से ज्यादा है, जबकि 12 फीसदी लोगों की आय दो से पांच करोड़ तक है. इसके अनुसार बसपा के 73 में से 66 प्रत्याशी करोड़पति हैं। भाजपा के 73 उम्मीदवारों में से 61 प्रत्याशी, सपा के 51 प्रत्याशियों में से 40 प्रत्याशी और कांग्रेस के 24 प्रत्याशियों में से 18 प्रत्याशी करोड़पति हैं।