सीएम के लिए स्मृति का नाम!
अहमदाबाद। गुजरात में छठीं बार सरकार बनाने वाली भाजपा क्या इस बार केन्द्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य स्मृति ईरानी को मुख्यमंत्री बनाएगी? स्मृति ईरानी का नाम बड़ी तेजी से लिया जा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी, आरसी फाल्टू, नितिन पटेल और मनसुख मंडाविया का नाम भी उभर कर आ रहा है।
गुजरात में कांटे की टक्कर के बाद भाजपा 99 विधायकों के साथ फिर से सरकार बनाने जा रही है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि गुजरात में इस बार मुख्यमंत्री कौन होगा। राज्य के नेताओं के साथ केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम इस बीच बड़ी तेजी से उभरा है। स्मृति ईरानी केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री हैं और गुजराती बोलने में भी दक्ष है। गुजरात से ही वह राज्यसभा सदस्य बनी है। सबसे खास बात यह कि स्मृति ईरानी आक्रमक और तेज-तर्रार नेता मानी जाती हैं। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी, पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, रणछोड़ भाई चाना भाई फाल्टू और मनसुख मंडाविया भी मुख्यमंत्री बनने की कतार में खड़े हैं। (हिफी)
कौन होगा हिमाचल में सीएम?
शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 44 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। हालांकि भाजपा के मुख्यमंत्री पद के घोषित प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल को सुजानपुर से हार का सामना करना पड़ा। इसलिए अब चर्चा है कि वहां सीएम कौन होगा? सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के आठ में से पांच मंत्री चुनाव हार गए। इनमें जीएस बाली, कौल सिंह, प्रकाश चैधरी, सुधीर शर्मा व ठाकुर सिंह भरमौरी शामिल हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, रविंद्र सिंह रवि, रणधीर शर्मा समेत भाजपा के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। एक व दो सीटों पर निर्दलीय जीतकर आए हैं। विधानसभा चुनाव में चार महिलाएं चुनकर आई हैं। 21 नए चेहरे पहली बार विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहे। भाजपा ने पिछले चुनाव से 10 फीसद अधिक मत हासिल किए, जबकि कांग्रेस के मत प्रतिशत में 0.5 की मामूली गिरावट दर्ज की गई। सुजानपुर से धूमल की हार के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह करेंगे। इसके लिए दो दिन में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। भाजपा आलाकमान ने पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं जयराम ठाकुर, डॉ. राजीव बिंदल और चुनाव परिणाम के आधार पर देखा जाए तो सबसे बड़े कांगड़ा जिले से भाजपा के 11 विधायक जीतकर आए हैं। कांग्रेस सिर्फ तीन सीटें जीत पाई। हारने वाले बड़े नामों में परिवहन मंत्री जीएस बाली, शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, भाजपा के रविंद्र सिंह रवि व राज्यसभा सदस्य विप्लव ठाकुर शामिल हैं। एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी के नाम रही। (हिफी)
त्रिवेंद्र के लिए निकाय चुनाव का शगुन
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गुजरात और हिमाचल के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत को राज्य मंे निकाय चुनाव का शगुन मान रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि हिमाचल में भाजपा सरकार के बनने से उत्तराखंड से संबंधित सभी लंबित मामलों का तेजी से निस्तारण हो सकेगा।
गुजरात व हिमाचल विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली सफलता के बाद सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दिया। उन्होंने कहा कि जीत की यह घुट्टी उत्तराखंड में अगले वर्ष होने वाले निकाय चुनावों में काम आएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद हिमाचल में भाजपा सरकार बनने से निश्चित रूप से उत्तराखंड को फायदा होगा। जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद 36 नहरों का प्रकरण सुलझा लिया गया है और अलकनंदा होटल उत्तराखंड को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, इसी प्रकार हिमाचल में भाजपा सरकार बनने से दोनों राज्यों के बीच नदियों पर बनने वाले जलविद्युत, सिंचाई व पेयजल परियोजनाओं पर भी सकारात्मक कार्य प्रारंभ होने की उम्मीद है। (हिफी)
अखिलेश का गठबंधन पर रुख
लखनऊ। हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव में जिस तरह कांग्रेस की हार हुई है, उसने अब कांग्रेस के सहयोगी दलों को चिंता में डाल दिया है। यह चर्चा तब शुरू हुई जब समाजवादी पार्टी सुप्रीमों अखिलेश यादव ने सपा कांग्रेस गठबंधन के संबंध में एक बड़ा बयान दिया। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन की खबरें आ रही थी मगर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दोनों राज्यों में पार्टी की हार के बाद अपना रुख दूसरा ही बताया है।
अखिलेश यादव ने कांग्रेस के गुजरात में किये प्रदर्शन की तारीफ की। अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस ने जिन बातों को जनता के बीच रखा, उसका फायदा मिला और कांग्रेस की सीटें पिछली बार से ज्यादा हो गयी हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2019 में कांग्रेस से महागठबंधन पर कहा कि किसी भी चुनाव में गठबंधन से पहले जनता के मुद्दों को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अपने संगठन को मजबूत कर लेने के बाद ही इस पर कोई फैसला लेगी। (हिफी)