जयंती पर विशेष ।
3 मई 1920 को पेशावर में जन्मी अचला सचदेव ने लगभग 150 फिल्मों में काम किया। अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत उन्होंने 1938 में आई फैशनेबल वाइफ से की लेकिन उन्हें शोहरत 1965 में रिलीज हुई वक्त से मिली जिसमें उहोंने बलराज साहनी की पत्नी का रोल किया था।
गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री अचला सचदेव का निधन 30 अप्रैल 2012 को पुणे के हॉस्पिटल में निधन हो गया था । वह 88 वर्ष की थीं, सितम्बर 2011 में घर में गिर जाने से उनके पैर की हड्डी टूट गई थी जिसके बाद से ही हॉस्पिटल में एडमिट थीं। एमआरआई स्कैन से पता चला था कि उनके हार्ट और ब्रेन में भी ब्लड जम गया है। किसी जमाने में फैंस से घिरी रहने वाली अचला सचदेव के आखिरी वक्त में उनके फैमिली फ्रेंड राजीव नंदा को छोडकर कोई नहीं था। जिस वक्त अचला ने आखिरी सांस ली उस वक्त उनके बच्चे भी पास नहीं थे। उनका बेटा अपने बिजनेस के चलते यूएस में है और बेटी मुंबई में। इन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई बड़े रोल निभाए हैं। जीवन के अंतिम दिनों में वह बिलकुल अकेली रहीं। दोनों बच्चे उनसे दूर रहते थे। जिस समय वह हॉस्पिटल में भी तब भी उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। अंतिम समय अस्पताल में भी उनसे मिलने कोई नहीं आया। अपनी बीमारी से अचला अकेली ही जूझ रही थीं और आखिरकार वह यह जंग हार गईं। उन्होंने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में काजोल और कभी खुशी कभी गम में किरदार निभाये थे आखिरी बार परदे पर उन्हें 2002 में आई रितिक रोशन के -न तुम जानो न हम में देखा गया था।‘वक्त’ फिल्म में उन पर फिल्माया गया गाना ए मेरी जोहराजबीं बेहद चर्चित हुआ था। एजेंसी।