अक्षय कुमार( राजीव हरी ओम भाटिया,09 सितम्बर, 1967) । वे 100 से अधिक हिन्दी फिल्मों में काम कर चुके हैं। 90 के दशक में हिट एक्शन फिल्मों खिलाड़ी, मोहरा और सबसे बड़ा खिलाड़ी में अभिनय करने के कारण, अक्षय कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः वे “खिलाड़ी श्रृंखला” के लिए जाने जाते थे। फिर भी, वह रोमांटिक फिल्मों ये दिल्लगी और धड़कन में अपने अभिनय के लिए सम्मानित किए गए और साथ ही साथ ड्रामेटिक फिल्मों एक रिश्ता (2001) में अपनी अभिनय क्षमता को दिखाया। 2002 में उन्हें अपना पहला फ़िल्मफेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ खलनायक फ़िल्म अजनबी (2001) में अभिनय के लिए दिया गया। अपनी एक सी छवि को बदलने के इच्छुक अक्षय कुमार ने ज्यादातर कोमेडी फिल्में की। फ़िल्म हेरा फेरी (2002), मुझसे शादी करोगी (2004), गरम मसाला (2005) और जान-ए-मन (2006) में हास्य अभिनय के लिए फ़िल्म समीक्षकों द्वारा उनकी प्रशंसा की गई। 2007 में वे सफलता की ऊचाईयों को छूने लगे, जब उनके द्वारा अभिनीत चार लगातार फिल्में हिट हुई। इस तरह से, उन्होंने अपने आपको हिन्दी फ़िल्म उद्योग में प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया। वे मार्शल आर्ट्स की शिक्षा बेंगकोक में प्राप्त करके आए और वहां रसोइया की नौकरी भी करते थे। वे फिर मुंबई वापस आ गए, जहाँ वे मार्सल आर्ट्स की शिक्षा देने लगे। उनका विद्यार्थी जो एक फोटोग्राफर था, उसने उन्हें मॉडलिंग करने कहा। उस विद्यार्थी ने उन्हें छोटी कंपनी में मॉडलिंग असयांमेंट दिया। उन्हें कैमरे के सामने पोज देने के लिए, दो घंटे के 5,000 रुपये मिलते था। पहले की तनख्वाह 4000 रुपये प्रति महीने की तुलना में यह बहुत ही महत्वपूर्ण कारण था कि वे क्यों मॉडल बने। मॉडलिंग करने के दो महीने बाद, कुमार को प्रमोद चक्रवर्ती ने अंततः अपनी फ़िल्म दीदार में अभिनय करने का मौका दिया।
अक्षय कुमार बॉलीवुड में अभिनय की शुरूआत 1991 की फ़िल्म सौगंध से की, जो सराही नहीं गयी। उनकी पहली प्रमुख हिट 1992 की थ्रिलर फ़िल्म खिलाड़ी थी। 1993 का वर्ष उनके लिए अच्छा नहीं रहा क्योंकि उनकी अधिकतर फ़िल्म फ्लॉप हो गई। फ़िर भी, 1994 का वर्ष अक्षय कुमार के लिए बेहतरीन रहा जिसमें खिलाड़ी के साथ मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी और मोहरा जो साल का सर्वाधिक सफल फिल्मों में से था। बाद में, यश चोपड़ा ने उन्हें रोमांटिक फ़िल्म ये दिल्लगी में लिया जो सफल फ़िल्म थी। उन्हें इस फ़िल्म के लिए सराहना मिली, जिसमें वे रोमांटिक किरदार में थे जो बहुत ही अलग था उनके एक्शन किरदार से।उन्हें फ़िल्मफेयर और स्टार स्क्रीन उत्सवों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए पहला नोमिनेशन मिला।ये सारी उपलब्धियां, अक्षय कुमार को उस साल का सफलतम अभिनेता बना दिया।
1995 में, अपनी सफल फिल्मों के साथ, वे खिलाड़ी श्रेणी के तीसरी फ़िल्म सबसे बड़ा खिलाड़ी में अभिनय किया, जो हिट थी। वे खिलाड़ी श्रेणी के सभी फिल्मों में सफल रहे और फ़िर बाद के वर्ष में खिलाड़ी टायटल के साथ फ़िल्म खिलाड़ियों के खिलाड़ी में अभिनय किया जिसमें उनके साथ रेखा और रवीना टंडन थी। यह फ़िल्म उस साल का सर्वाधिक सफल फ़िल्म रही।
1997 में, यश चोपड़ा की हिट फ़िल्म दिल तो पागल है में मेहमान कलाकार की भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार में नामांकन हुआ। उसी साल, वे खिलाड़ी श्रेणी के पांचवें फ़िल्म मिस्टर एंड मिसेज़ खिलाड़ी में हास्य भूमिका में नजर आए।खिलाड़ी टायटल के साथ उनकी पिछली फिल्मों की तरह, यह फ़िल्म हिट हुई। और इस तरह इस फ़िल्म की तरह, उनका अगला खिलाड़ी नाम से रिलीज सारी फिल्में आने वाले साल में बॉक्स ऑफिस पर हिट होते चला गया। 1999 में, अक्षय कुमार को फ़िल्म संघर्ष’ और जानवर में उनके किरदार के लिए अच्छी सराहना मिली।जबकि पहली फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल हौ सकी, पर बाद में उन्हें सफलता मिली।
2000 में हास्य फ़िल्म हेरा फेरी में अभिनय किया जो हर लिहाज से सफल रही,और इस फ़िल्म में उन्होंने अपने आपको एक एक्शन और रोमांटिक भूमिकाओं की तरह एक सफल हास्य रोल भी अच्छी तरह निभाया।उन्होंने रोमांटिक फ़िल्म धड़कन में भी काम किया और बाद में उसी साल उसे काफ़ी सफलता मिली।
हेरा फेरी की सफलता के बाद अक्षय कुमार ने कई हास्य फिल्मों में काम किया, जिनमें शामिल हैं आवारा पागल दीवाना (2002), मुझसे शादी करोगी (2004) और गरम मसाला (2005)। यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर बेहद सफल रही और उनके अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार का दूसरा फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। अपनी एक्शन, हास्य और रोमांटिक भूमिकाओं के अलावा कुमार ने ड्रामाई रोल भी बखूबी निभाये जैसे कि एक रिश्ता (2001), आँखें (2002), बेवफा (2005) और वक्त (2005)।
2006 में वे हेरा फेरी टायटल से बनी दूसरी फ़िल्म फ़िर हेरा फेरी में अभिनय किया। पिछले फ़िल्म की तरह, यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस में सफल हुई। बाद में उसी वर्ष सलमान ख़ान के साथ रोमांटिक संगीत फ़िल्म जान-ए-मन में अभिनय किया। इस फ़िल्म का बेसब्री से इंतजार था और आलोचकों से अच्छा रिव्यू मिलने के बावजूद यह बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। फ़िल्म तो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी परन्तु शर्मीले और प्यारे व्यक्ति के रूप में उनकी तारीफ़ की गई। वे यह वर्ष हास्य फ़िल्म भागम भाग से समाप्त किए, जो सफल रही। उसी साल, विश्व भ्रमण किया जिसमें सैफ अली खान, प्रीति जिंटा, सुष्मिता सेन और सेलिना जेटली साथ थे।
2007 अक्षय कुमार के लिए उनके कैरियर का इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा सफल वर्ष रहा और बॉक्स ऑफिस के विश्लेषकों ने “शायद अभिनेता के लिए चार सीधे हित और बिना किसी फ्लॉप के शानदार वर्ष रहा। उनकी पहली रिलीज, नमस्ते लंदन, आलोचनात्मक दृष्टि व कामर्शियल दृष्टि से सफल रही। उनकी दो अगली रिलीज हे बेबी और भूल भुलैया दोनों बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट हुई। वर्ष का कुमार के लिए आखिरी रिलीज वेलकम थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया, ब्लोकबस्टर का अवसर मिला तथा साथ में वे पांचवीं लगातार हिट फ़िल्म देने वाले हीरो बन गए। उस वर्ष अक्षय कुमार की जितनी भी फिल्में रिलीज हुई वह विदेशी बाजार में भी अच्छा किया।
बॉलीवुड में रहने के दौरान,अक्षय कुमार का नाम उनके साथ काम करने वाली कई अभिनेत्रियों के साथ जोड़ा गया रवीना टंडन, रेखा और शिल्पा शेट्टी। जाने माने कलाकार राजेश खन्ना और डिम्पल कपाड़िया की बेटी ट्विंकल खन्ना से दो बार सगाई होने के बाद अंत में उन्होंने 14 जनवरी 2001 में शादी कर ली। उनके बेटे का नाम आरव है जिसने 15 सितम्बर 2002 में जन्म लिया।