हाई कोर्ट ने मुलायम समधी सूचना आयुक्त अरविन्द बिष्ट के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मामले में सुरक्षित किया निर्णय ।
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के समधी और उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट फिर परेशानी में फंसते नज़र आ रहे हैं । इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बिष्ट के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने की मांग वाली याचिका पर सभी पक्षों की बहस पूर्ण हो जाने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।
आरटीआई एक्टिविस्ट तनवीर अहमद सिद्दीकी ने यह याचिका उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक सुधार विभाग आदि के खिलाफ दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार अरोरा और आलोक माथुर की दो सदस्यीय पीठ ने बीती 17 दिसम्बर को निर्णय सुरक्षित करने का आदेश पारित किया। मामले में याची तनवीर की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता चन्द्र भूषण पाण्डेय,पंकज तिवारी और शैलेन्द्र कुमार शुक्ल द्वारा पक्ष रखा गया। राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थाई अधिवक्ता और सूचना आयुक्त बिष्ट की तरफ से अधिवक्ता शिखर आनंद ने अपना पक्ष रखा ।
तनवीर ने बताया कि पूर्व में सूचना आयुक्त बिष्ट ने उनके साथ बदसलूकी की थी जिसकी शिकायत थाने और एसएसपी से करने पर भी बिष्ट के खिलाफ FIR नहीं लिखी गई । जब तनवीर ने मामले की शिकायत लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायलय में की तो न्यायालय ने अवधारित किया कि सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट लोकसेवक हैं और इसीलिये उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने से पूर्व शासन से अभियोजन की स्वीकृति आवश्यक है । तनवीर ने योगी सरकार को कई पत्र भेजकर सूचना आयुक्त बिष्ट के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति निर्गत करने का अनुरोध किया लेकिन योगी सरकार भी मुलायम समधी को बचाती रही और हारकर तनवीर को हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए बाध्य होना पड़ा। अपने मामले को नियमसंगत और सच्चा बताते हुए तनवीर ने बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि उन्हें हाई कोर्ट से अवश्य ही न्याय मिलेगा । तनवीर अहमद सिद्दीकी मोबाइल नंबर 9335011869,9335223692।