स्वप्निल संसार। आसाराम आसूमल थाऊमल सिरुमलानी, आध्यात्मिक सन्त हैं जो अपने शिष्यों को एक सच्चिदानन्द ईश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते हैं। उन्हें उनके भक्त प्राय: बापू के नाम से सम्बोधित करते हैं। आसाराम 450 से अधिक छोटे-बड़े आश्रमों के संचालक हैं। उनके शिष्यों की संख्या करोड़ों में है।
आसाराम सामान्यतः विवादों से जुड़े रहे हैं जैसे आपराधिक मामलों में उनके खिलाफ दायर याचिकाएँ, उनके आश्रम द्वारा अतिक्रमण, 2012 दिल्ली दुष्कर्म पर उनकी टिप्पणी एवं 2013 में नाबालिग लड़की का कथित यौन शोषण। उन पर लगे आरोपों की आँच उनके बेटे नारायण साईं तक भी पहुची। फ़िलहाल आसाराम जोधपुर जेल की यौन छेडछाड का यह मामला 20 अगस्त 2013 को प्रकाश में आया जब एक एफ आई आर दिल्ली के कमला नगर थाने में हुई। घटना जोधपुर के मड़ई में स्थित फार्म हाउस में 16 अगस्त की बताई जाती है। एफ़ आई आर में लड़की ने आरोप लगाया है बापू ने रात उसे कमरे में बुलाया व 1 घंटे तक व यौन छेड़छाड़ की। लड़की उत्तरप्रदेश के शाहजहा पुर की निवासी है जो 12 व्ही में छिंदवाड़ा में आश्रम के कन्या छात्रा वास में पड़ती थी।
आसाराम का जन्म 17 अप्रैल 1941 को नवाबशाह जिले के बेराणी गाँव में, जो अब पाकिस्तान में है, हुआ था। उनकी माँ का नाम महँगीबा एवं पिता का नाम थाऊमल सिरूमलानी था। 1947 में भारत विभाजन के समय वे और उनके परिवार के सभी लोग भारतीय अधिराज्य के गुजरात राज्य के अहमदाबाद में स्थापित हो गये। धन-वैभव सब कुछ छूट जाने के कारण परिवार आर्थिक संकट के चक्रव्यूह में फँस गया। अहमदाबाद आने के बाद आजीविका के लिए थाऊमल ने शक्कर विक्रय व्यवसाय आरम्भ किया।। पिता के निधन के बाद, उन्होंने अपनी माँ से ध्यान और आध्यात्मिकता की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने घर छोड़ दिया और देश भ्रमण पर निकल पड़े। भ्रमण करते-करते वे स्वामी श्री लीलाशाहजी महाराज के आश्रम नैनीताल चले गये। आसूमल ने लक्ष्मी देवी से विवाह कर लिया जिससे उनके एक पुत्र नारायण साईं और एक पुत्री भारती देवी उत्पन्न हुए।
नैनीताल में गुरू से दीक्षा लेने के बाद गुरु ने नया नाम दिया आसाराम। और घूम घूम कर आध्यात्मिक प्रवचन के साथ-साथ स्वयं भी गुरु-दीक्षा देने लगे। उनके सत्संग कार्यक्रमों में श्रद्धालु भारी संख्या में पहुँवने लगे। लगभग 20,000 छात्र तो उनके अहमदाबाद में दिसम्बर 2001 में हुए सत्संग में ही पहुँचे थे। अगस्त 2012 में गोधरा के समीप उनका हैलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें संयोग से आसाराम व पायलट सहित सभी यात्री सुरक्षित बच गये। उसके बाद उनके सत्संग में शामिल होने वालों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी होती चली गयी।
अगस्त 2013 में बापू आसाराम के ऊपर जोधपुर में उनके ही आश्रम में कथित अप्राकृतिक दुराचार के आरोप लगे। दो दिन बाद नाबालिग कन्या के पिता ने दिल्ली जाकर पुलिस में इस काण्ड की रिपोर्ट दर्ज़ करायी। पुलिस ने मेडिकल टेस्ट कराया जो जे के हॉस्पिटल मैं हुआ डॉ के अनुसार उसकेे साथ कोई खरोंच तक के निशान नहीं है न ही छेेेड़छड़ हुुुई।
केस में पॉस्को एक्ट लगाया गया है यद्यपि शाहजहां पुर के विद्यालय के सर्टिफिकेट के अनुसार लड़की वयस्क है। उसने कन्या का कलमबन्द बयान लेकर सारा मामला राजस्थान पुलिस को ट्रान्सफर कर दिया। आसाराम को पूछताछ हेतु 31 अगस्त 2013 तक का समय देते हुए सम्मन जारी किया गया। इसके बावजूद जब वे हाजिर नहीं हुए तो दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 342 (गलत तरीके से बन्धक बनाना), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक हथकण्डे) के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज़ करने हेतु जोधपुर की अदालत में सारा मामला भेज दिया। फिर भी आसाराम गिरफ़्तारी से बचने के उपाय करते रहे।
फिलहाल आसाराम जोधपुर की जेल में बन्द हैं और जमानत के लिये प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपनी जमानत के लिये राम जेठमलानी को अपना वकील नियुक्त किया। राजस्थान उच्च न्यायालय में जेठमलानी द्वारा यह दलील दी गयी कि आरोप लगाने वाली लड़की बालिग है व मानसिक रूप से विक्षिप्त है तथा उनके मुवक्किल (आसाराम) को एक साजिश के तहत फँसाया गया है।
1 अक्टूबर 2013 को न्यायाधीश निर्मलजीत कौर की अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से आरोप लगाया गया कि आसाराम बाल यौन शोषण (पीडोफीलिया) नाम की बीमारी से ग्रस्त हैं। गवाहों की गवाही अधूरी है इस मुद्दे को देखते हुए जज ने आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी।