महिलाओं को अपने शरीर को आकर्षक रखने की चिंता ज्यादा होती है। इसके लिए यदि थोड़ा समय निकालकर योग किया जाए तो महिलाएं आकर्षक दिखेगी हालांकि महिला हो या पुरूष योग सबके लिए महत्वपूर्ण हैं। योग के फायदे बहुत हैं, इसीलिए आपको योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। इतना ही नहीं योग के जरिए आप न सिर्फ स्वस्थ रह सकते हैं बल्कि आप चुस्त-दुरूस्त रहते हुए कई बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। ध्यान रहे योग परिस्थितियों के हिसाब से किया जाता हैं। यानी आप बीमार हैं या आपको कोई गंभीर रोग है तो आपको कुछ योगासन करने के लिए मनाही होगी। इतना ही नहीं गर्भावस्था जैसी स्थितियों में भी आपको योगासन के दौरान बहुत सावधानी बरतनी होगी। ऐसे में ये सवाल उठता है कि महिलाओं के लिए योगासन कौन-कौन से हैं या फिर महिलाओं को किन योगासनों को नहीं करना चाहिए। महिलाओं को कब कौन से आसन करने चाहिए और कौन से नहीं। यहां ये भी सवाल उठता हैं कि महिलाओं के लिए योग के लाभ कितने हैं और महिलाओं को योग कैसे करना चाहिए। यहां पर हम योग की कुछ ऐसी ही क्रियाओं के बारे में बता रहे हैं।
श्वास क्रिया- महिलाओं को अपनी आवाज को सुरीला बनाने और श्वास संबंधी समस्याओं से बचने के लिए श्वास क्रियाएं करनी चाहिए।
वज्रासन- जो महिलाएं खाने के बाद टहल नहीं पाती और मोटापे व पेट संबंधी समस्याओं से भी बचना चाहती हैं तो इन्हें वज्रासन करना चाहिए।
शवासन- शवासन महिलाओं के लिए बहुत ही उपयुक्त आसन हैं। क्योंकि शरीर को रिलैक्स करने और तनाव मुक्त होने और थकान उतारने के लिए शवासन करना चाहिए।
सूर्य नमस्कार- महिलाएं यदि अपने लिए समय नहीं निकाल पाती और योगासन को भी कम से कम समय देना चाहती हैं तो उन्हें सूर्य नमस्कार की १२ विधियों को करना चाहिए। इससे न सिर्फ पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जाती हैं बल्कि आप तरोताजा भी महसूस करेंगे।
महिलाओं के लिए योग के लाभ:- महिलाओं के लिए योग के बहुत फायदे हैं। महिलाओं को घर और बाहर के साथ-साथ और भी कई तरह की जिम्मेदारियां निभानी होती हैं जिसके कारण वे अपने आपको बिल्कुल समय नहीं दे सकती लेकिन जो महिलाएं योग करती हैं वे योग के जरिए भी स्वस्थ रह सकती हैं। महिलाओं को पुरूषों के मुकाबले बढ़ती उम्र में अधिक बीमारियां हो जाती हैं। यदि महिलाएं रोजाना योग करेंगी तो बढ़ती उम्र में होने वाली बीमारियों से आसानी से बच सकती हैं। अकसर महिलाओं में देखा गया है कि उन्हें छरहरी काया और फिटनेस की फ्रिक रहती हैं लेकिन उनके पास सरल और आसान उपाय नहीं होता लेकिन योग के जरिए वे अपनी इस समस्या को सुलझा सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान
स्वस्थ रहने के लिए महिलाओं को योग की बहुत जरूरत होती हैं क्योंकि इससे बच्चे का विकास भी ठीक तरह से होता है और प्रसव के दौरान और बाद में भी आने वाली समस्याओं से बचा जा सकता हैं। आमतौर पर देखा गया है कि महिलाएं अपनी सुंदरता के र्पति बहुत जागरूक होती हैं लेकिन हर समय अपने आप पर ध्यान देना संभव नहीं होता। ऐसे में महिलाओं के लिए जरूरी हो जाता है कि वे योग करें। यदि वे शारीरिक रूप से फिट रहेंगी तो उनकी सुंदरता भी खुद-ब-खुद निखर जाएगी।
योग का शाब्दिक अर्थ है जोडऩा। योग शरीर और मस्तिष्क का मिलन है। यह शरीर और मन दोनों को फायदा पहुंचाता है। योग का नाम सुनते ही अकसर लोगों के जेहन में शरीर को अलग-अलग आकार में मोडऩे वाली तस्वीरें ही आती हैं लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। यह शरीर और मन दोनों को फायदा पहुंचाता है। यह रक्तचाप कम करता है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और साथ ही आपको अतिरिक्त चर्बी से भी निजात दिलाता है। इसके साथ ही योग आपको मानसिक रूप से भी शांति प्रदान करता है।
योग में सांसों की गति की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। योगासन श्वास पर नियंत्रण के जरिए दिमाग के दोनों हिस्सों में सही संतुलन बनाने में मदद करता है। इससे व्घ्यक्ति कई कामों को बेहतर तरीके से कर सकता है। गर्भवती महिलाओं को रोजाना योग करना चाहिए। योग थकान और तनाव को दूर कर आपकी मांसपेशियों को लचीला बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही यह गर्भावस्था की सामान्य समस्याओं जैसे अनिद्रा, कमर और पैरों में दर्द से भी राहत दिलाता है। योग आपके शरीर का रक्त संचार सुधारता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। हालांकि, अगर आप गर्भावस्था के दौरान योग करना चाहती हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें। योगासन और प्राणायाम जैसी श्वास-तकनीक आपके शरीर में रक्त-संचार को सुचारू बनाने में मदद करती हैं। यदि आपके शरीर में रक्त संचार बेहतर है तो इससे शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन आसानी से पहुंचती है और वे बेहतर काम करते हैं साथ ही आपकी त्वचा भी दमकती रहती है।
कोई व्यक्ति तभी निरोगी कहा जा सकता है जब उसके तन और मन दोनों में सही संतुलन हो। योग आपको यह मुकाम हासिल करने में मदद करता है। योग आपको कई रोगों से तो दूर करता ही है साथ ही आपके भीतर जोश, ऊर्जा और खुशी का भी संचार करता है। योग आपके शरीर विशेषकर पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है। नौकासन, उस्त्रासन और क्रंचेज आपके पेट को सपाट बनाये रखने में मदद करते हैं। योगाभ्यास और सही डायट का कॉम्बिनेशन आपके पेट को टोन कर सकता है। लेकिन, केवल योग अथवा व्यायाम के जरिये ही फ्लैट टमी हासिल नहीं की जा सकती, इसके लिए आपको अपने आहार में भी जरूरी सुधार लाना होगा।
ध्यान रहे कि योग आपके दिल की धड़कनों का पूरा खयाल रखता है। योग के कई आसनों में श्वास को कुछ देर तक रोककर रखना होता है। ऐसे आसन दिल को फिट रखने में मददगार साबित होते हैं। योग से धमनियों में रक्त के थक्के नहीं जमते और आपका दिल लंबे समय तक बेहतर काम करता रहता है।
योग शरीर में लचीलापन बढ़ाकर आपको मजबूत बनाता है। जोड़ों और कमर के दर्द से छुटकारा दिलाने में भी योग काफी मदद करता है। ऐसे लोग जो काफी समय कुर्सी पर बैठकर ही गुजारते हैं उन्हें तो योग जरूर करना चाहिए। इससे रीढ़ की हड्डी पर पडऩे वाला अतिरिक्त दबाव और तनाव कम हो जाता है। साथ ही, इसके जरिए दर्द से छुटकारा मिलता है। भाग दौड़ जिंदगी में उठने-बैठने और चलने के गलत तरीकों के कारण आपको चोट लग सकती है। अचानक गिर जाना, फ्रैक्चर, कमर में दर्द आदि के पीछे भी शारीरिक संतुलन का सही न होना हो सकता है। योग आपको इस समस्घ्या से निजात दिलाता है। इसलिए अपने रोजमर्रा की जिंदगी में अगर आप योग को शामिल करेंगे तो कुछ ही दिनों में आप खुद को तनाव मुक्त और आकर्षक महसूस करने लगेंगे। तनाव दूर होगा तो आपके जीवन में सुख और शांति आएगी और आपके काम करने की क्षमता में इजाफा होगा। योग करने से शरीर में मजबूती और लचीलापन आता है साथ ही योग शरीर को संतुलित रखता है। संतुलित और लोचदार शरीर से कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। कुछ योग मुर्दाएं तो शरीर की हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत करती हैं। इसलिए स्त्री और पुरूष दोनों को योग करना चाहिए। महिलाएं और युवतियां तो योग के लिए थोड़ा समय निकाल कर निरोगी और आकर्षक काया की मलिका बन सकती हैं। (हिफी)
