एजेंसी। 5 जुलाई को इंटरनेशनल बिकनी डे मनाया जाता है। इस दिन लड़कियां और महिलाएं समुद्र तट पर पूरे दिन बिकनी पहन कर मस्ती करती है। यह डे 5 जुलाई 1946 से मनाया जा रहा है। इसी दिन 1946 में परसियन फैशन डिजाइनर लुईस रियर्ड ने बिकनी का अविष्कार किया था।बिकनी का नाम बिकनी एटोल द्वीप समूह के नाम पर पड़ा है, यह वही द्वीप समूह है जहां अमरीका ने अपने परमाणु परीक्षण किए थे।लुईस रियर्ड के द्वारा बनाई गई बिकनी को सबसे पहले फ्रांस की डांसर मिशेलिन बर्नार्डिनी ने पहना। दरअसल बिकनी की लुईस रियर्ड ने महिला के लिए छोटे स्विमिंग शूट के लिए बनाया था लेकिन बिकनी ने आगे चलकर फैशन की परिभाषा बदल कर रख दी। अब बिकनी औरतों का अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है। बिकनी के आने के बाद बहुत टाइम तक बिकिनी का कोई एड नहीं हुआ। कोई भी मॉडल इसके एड के लिए तैयार नहीं होती थी, लेकिन फिर कुछ समय के बाद 19 साल की एक डांसर मिशेलाइन इसका एड करने के लिए तैयार हो गईं। जैसे ही उनका एड सामने आया तो उन्हें उनके फैन्स के 50 हजार लेटर मिले।
बिकनी शब्द की शुरुआत तब हुई थी जब प्रशांत महासागर के Bikini Atoll में अमेरिकी परमाणु परीक्षण किया गया था। वर्ल्ड की सबसे महंगी बिकनी 30 मिलियन डॉलर (करीब 202 करोड़ रुपए) की है।
. 9 नवंबर 2009 बिकनी के लिए एक एतिहासिक दिन रहा। इस दिन दुनिया की सबसे बड़ी बिकनी परेड आयोजित की गई। साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हुई इस परेड में बिकनी पहने 287 लड़कियों ने हिस्सा लिया था।
90 के दशक की शुरुआत में इंटरनेशनल वॉलीबॉल फेडरेशन ने वॉलीबॉल खेलने वाली महिलाओं के लिए बिकनी को अनिवार्य कर दिया।
भारत की बात करें तो बॉलीवुड अभिनेत्री नूतन दिल्ली का ठग 1958 -शर्मिला टैगोर 1967 में आई फिल्म An Evening in Paris में बिकनी पहने नजर आई थीं। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था।