एजेंसी। 27 दिसम्बर 1975 को भारत के इतिहास के सबसे बडी़ खान दुर्घटना धनबाद से 20 किलोमीटर दूर चासनाला में घटी, सरकारी आँकडों के अनुसार लगभग 375 लोग मारे गये थे। कोल इंडिया के अंतर्गत आनेवाली भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की चासनाला कोलियरी केपिट संख्या 1 और 2 के ठीक ऊपर स्थित बडे़ तालाब में जमा करीब पाँच करोड़ गैलन पानी, खदान की छत को तोड़ता हुआ अचानक अंदर घुस गया ओर इस प्रलयकालीन बाढ़ में वहां काम करे, सभी लोग फँस गये। आनन-फानन में मंगाये गये पानी निकालने वाले पम्प छोटे पर गये, कलकत्ता स्थित विभिन्न प्राइवेट कंपनियों से संपर्क साधा गया, तब तक काफीं समय बीत गया, फँसें लोगों को निकाला नहीं जा सका। कंपनी प्रबंधक ने नोटिस बोर्ड में मारे गये लोग की लिस्ट लगा दी। उस समय केन्द्र और राज्य दोनो जगह सत्ताधारी काँग्रेस का अधिवेशन चंडीगढ में चल रहा था। जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, बिहार के मुख्यमंत्री डा जगन्नाथ मिश्र, खान मंत्री चंद्रदीप यादव, श्रम मंत्री रघुनाथ राव आदिभाग ले रहे थे। खान दुर्घटना की बात आग के तरह फैली, तब के देश विदेशों के अखबारो व समाचार तंत्रो ने प्रश्नों की बोछार कर दी। इधर चासनाला में पीडि़त परिवारजन और दुखी धनबाद वासीयों की हिंसा की आंशका से जिले के तब के आरक्षी आधीक्षक तारकेश्वर प्रसाद सिन्हा तथा उपायुक्त लक्ष्म्ण शुक्ला ने कानून व्वस्था की कमान संभाल ली थी और कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
दुनिया की दस बडी़ खान दुर्घटना में चासनाला खान दुर्घटना की भी गिनती होती है। 1975 की चासनाला खान दुर्घटना पर यश चोपड़ा ने 1979 में काला पत्थर फिल्म बनाई थी।