पुण्य तिथि विशेष।
स्वप्निल संसार।डॉक्टर प्रमोद करन सेठी दुनिया भर में मशहूर “जयपुर फुट के जनक थे। श्री रामचन्द्र शर्मा के साथ मिलकर उन्होने 1969 में “जयपुर फुट’ सस्ता एवं लचीला कृत्रिम पैर का विकास किया। वे हड्डी रोग विशेषज्ञ और रेमन मैगसेसे पुरस्कार व पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित थे। जयपुर फुट’ उनकी इस खोज ने किसी न किसी वजह से अपना पांव गंवाने वाले लाखों-करोड़ों लोगों को अपने पांवों पर चलने के काबिल बनाया। जयपुर के नाम पर रखे गए ‘जयपुर फुट’ का पूरी दुनिया में इतने लोगों ने इस्तेमाल किया कि डॉक्टर सेठी को इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में स्थान दिया गया।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर डॉ॰ एन. के. सेठी के यहां 28 नवम्बर 1927 को जन्मे प्रमोद करण सेठी ने आगरा विश्वविद्यालय से सात विषयों में सर्वोच्च अंकों के साथ एमबीबीएस की परीक्षा और 1952 में मास्टर ऑफ सर्जरी की उपाधि हासिल की। डॉ॰ सेठी ने 1954 में इंग्लैंड के एडिनबरा से एफआरसीएस की डिग्री ली।
डॉक्टर प्रमोद करण सेठी ने सर्जन के रूप में 1954 में सवाई मानसिंह अस्पताल में अपनी सेवा शुरू की और नवस्थापित अस्थि विभाग में खुद को एक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित किया।
अभिनेत्री सुधा चंद्रन को भी जयपुर फुट से नई जिंदगी मिली थी। अभिनेत्री सुधा चन्द्रन की ज़िंदगी पर फिल्म नाचे मयूरी बनी है। सुधा चन्द्रन ने हादसे में अपना पैर खो दिया था और तब उनके जीवन में डॉक्टर प्रमोद करन सेठी आए जिन्होंने सुधा चन्द्रन को कृत्तिम पैर लगा कर फिर से डांस के काबिल बना दिया था। डॉक्टर प्रमोद करण सेठी की मृत्यु 6 जनवरी, 2008 को जयपुर,में हुई थी।