स्वप्निल संसार। अदीब वॉल्टर।
लखनऊ के राजेंद्र नगर स्थिति सत्ती वाली गली के बिरहाना पार्क के सामने मोमबत्ती की अवैध फैक्ट्री में लगी भीषण आग।
बताया जाता है कि पुलिस की नाक के नीचे तंग गलियों में घर को ही फैक्ट्री बनाके चलाया जा रहा था। मोमबत्ती फैक्ट्री का नाम गोयल फैक्ट्री है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक रात करीब 9:00 बजे फैक्ट्री का मालिक फैक्ट्री में पूजा करके दीया जला के फैक्ट्री से चला गया, दिवाली के कारण फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी छुट्टी पर थे और फैक्ट्री मालिक दीए जलाकर वहां से चला गया बताया जा रहा है की फैक्ट्री में रखी मोमबत्तियां वहाँ रखे दिए की आग के चपेट में आ गई जिसे देखते ही देखते आग भीषण होती चली गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस वक्त वह अपने घरों में पूजा अर्चना में व्यस्त थे उसी वक्त उन्हें एक धमाके की आवाज सुनाई दी और जब वे अपने घर से बाहर निकले तो देखा फैक्ट्री धू-धू कर जल रही थी।
लोगों द्वारा पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी गई क्योंकि यह अवैध कहीं जाने वाली फैक्ट्री तंग गलियों में थी इसी वजह से फायर टेंडर को घटनास्थल पर पहुंचने में आधे घंटे से ज्यादा का समय लग गया। करीब आधा दर्जन फायर ब्रिगेड आग बुझाने में जुट गई लेकिन फैक्ट्री में रखे सिलेंडर बारी बारी से फ़टने लगे जिससे आग और विकराल हो गई, फैक्ट्री में सिलेंडर की वजह से कुल 10 धमाके हुए जिससे आग और भड़क गयी।
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19 जून 2018 को चारबाग की तंग गलियों में स्थित होटल की आग से पुलिस ने ना सीखा कोई सबक
होटल एस जे इंटरनेशनल और होटल विराट में लगी आग सभी को याद है जिसमें 5 लोगों की मृत्यु हुई थी वहीं एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे उस आग के बढ़ने का कारण तंग गलियां ही थी जिनमें समय से फायर टेंडर नहीं पहुंच पाए थे।
हादसे के बाद पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा जांच कमेटी बनाई गई थी और उस कमेटी ने धड़ाधड़ होटलों में छापे मारकर होटल सीज भी किए जाने की कार्रवाई भी की थी हालांकि होटल मालिकों ने राजनैतिक शरण लेकर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जिसके बाद उस कमेटी ने भी काम करना बंद कर दिया।
यदि वह कमेटी अपना काम ठीक से कर रही होती तो शायद राजेंद्र नगर की इस आग को टाला तो नहीं जा सकता था लेकिन नुकसान जरूर काम हो सकता था।