जयंती पर विशेष।
एक बिन ब्याही महिला अपनी गरीबी से तंग जिंदगी जी रही थी, तभी एक फेरी से कपड़े बेचने वाले युवक से उसको प्यार हुआ और वह गर्भवती हो गई। यह मुसीबत उसके लिए किसी पहाड़ से कम नहीं थी। लेकिन महिला का प्रेमी ऐसे में भी उसकी मदद करने भी सामने नहीं आया। यह महिला अपने गर्भ में पल रही संतान को पैदा करने के लिए किसी निजी अस्पताल की फीस चुकाने की स्थिति में नहीं थी। ऐसे में चैरिटी के अस्पताल ने उसे सहारा दिया। यहां उसने एक बेटी को जन्म दिया। इस कठिन दौर में इस बिन ब्याही मां को यह कभी भी खयाल नहीं आया होगा कि उसकी बेटी इस सदी की सबसे 100 ताकतवर हस्तियों में शुमार की जाएगी। गरीब और बिन ब्याही मां की इस बेटी कोको चैनल ने न केवल अपना नाम दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित टाइम मैग्जीन की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में अपना नाम दर्ज कराया बल्कि विश्व के रईसों के बीच ऐसा नाम कमाया, जिसकी आज भी अनदेखी करना किसी के लिए आसान नहीं है। लेकिन उसे बचपन से ही बड़ी कठिनाइयों का सामना किया महज 12 साल की उम्र की कोको चैनल के सिर से मां का साया भी उठ गया।
जवान होने पर उसने अपनी सुरीली आवाज और खूबसूरती को देखते हुए कैबरे डांसर- सिंगर बनने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें बुरी तरह से फेल हो गई। लेकिन उसके अंदर छिपे अनजाने से हुनर ने उसे इतनी बड़ी मंजिल पर पहुंचा दिया कि जहां ऐसे आने वालों के लिए सदियों राहें और मंजिल भी तरसा करती हैं। लेकिन इस रास्ते में उसे कई धोखेबाज प्रेमी और बड़े बिजनेसमैन मिले, जो अधिकतर धोखेबाज निकले।
टाइम मैग्जीन ने इस बिन ब्याही मां की इस बेटी कोको चैनल को दुनिया की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में शामिल किया था, इसकी वजह उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता, महत्वाकांक्षा, उसका प्रोफेशनल और सामाजिक जीवन था। इस युवती ने एक बिजनेस वुमन और सामाजिक क्षेत्र, दोनों में ही सफलता हासिल की थी। यह दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिला फैशन डिजाइन गैब्रिएल बोनहेअर कोको चैनल है।उसकी मॉ एजीन जेआन डिवोले धोबी का काम करने वाली महिला थी। गैब्रिएल बोनहेअर चैनल को उसकी मां ने गरीबी के चलते फ्रांस के सेम्यूर के एक चैरिटी के अस्पताल में 19 अगस्त 1883 को जन्म दिया था।
गैब्रिएल बोनहेअर चैनल का पिता अलबर्ट चैनल साइकिल में कपड़े रखकर गली-गली बेचा करता था। उसके जन्म के बाद उसके पिता ने उसकी मां से शादी की। इसके बाद उसकी मां से पैदा हुई तीन संतानें जिंदा नहीं रह सकी और उसके दो भाई और दो बहने थीं, जिन्हें मां दुनिया में छोड़ गई। महज12 साल की उम्र में ही उसकी मां एजीन का निधन हो गया। उसका पिता अपने दो बेटों को खेतों पर काम करने के लिए भेजता था और अपनी तीन बेटियों को सेंट्रल फ्रांस के कोरेज के अबेजीन में स्थित एक गरीब और लावारिस बच्चों को पालने वाली संस्था के कांवेंट में भेज दिया था। यहां पर बच्चों को बहुत कड़े अनुशासन में रहना होता था।
18 साल की उम्र होने पर उसे मौलिन्स टाउन में स्थित कैथोलिक छात्राओं के हॉस्टल में भेज दिया गया है। यहां उसकी प्रतिभा के लक्षण नजर आने लगे थे। उसने बचपन की घटनाओं पर अपने संस्मरण लिखे। चैनल ने लिखा कि उसका पिता अपनी किस्मत संवारने के लिए अमेरिका चला गया उसे और उसकी दो बहनों के साथ अपनी दुष्ट चाची के पास भेज दिया। लेकिन उसकी किस्मत में लिखा था दुनिया की ऊंची बुलंदियों को छूना। स्कूल के दिनों में ही उसने मौलिन्स में सिलाई करना सीखा था। मौलिन्स आने के बाद 23 साल की उम्र में गैब्रिएल बोनहेअर चैनल की मुलाकात एक रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर और टेक्साटाइल बिजनेसमैन एटिएन बाल्सन से हुई। तीन साल तक वह एटिएन बाल्सन के साथ बिना शादी किए हुए उसकी मिस्ट्रेस बनकर लग्जरी लाइफ जीने लगी। वह डायमंड, महंगी डे्रस और ज्वैलरी पहनने लगी। इसी दौरान वह फैशन डिजाइनिंग की बारीकियां जानने में जुट गई। चैनल ने 1910 में बुटीक खोला, जिसमें वह हैट बेचती थी। उसने स्वयं ही इसे डिजाइन किया और इसका लाइसेंस लिया और अपने बिजनेस में जुट गई, इसमें उसे काफी सफलता मिली। इसी समय चैनल की दोस्ती बाल्सन के मित्र कैप्टन आर्थए एडवर्ड कैपल से हो गई। कैपल अंग्रेज अफसर था। उसने चैनल की पहली शॉप के लिए फाइनेंस भी किया था।कोको एक्स मिल्रिटीमैन और कपड़ा व्यवसायी बॉल्स ने से प्यार हुआ, लेकिन दोनों के बीच बहुत लंबे समय तक अच्छ रिलेशन नहीं रहे। जब दोनों साथ रह रहे थे, तभी एक अंग्रेज रईस और पूर्व मिल्रिटी अफस एडवर्ड कैपल से प्यार हुआ लेकिन दुर्भाग्य से उसकी रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई। चैनल के बिजनेस पार्टन पियरे वेस्टथेरिमेर से धोखा मिला। चैनल के नजदीकी संबंध जर्मन सैनिक अफसल हैंस गुंथेर वोन डिंकलेज के साथ रहे। इसी को लेकर लोगों ने उसे द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजियों से संबंध रखने की चर्चाएं की जाती रही, लेकिन चैनल पर देश के साथ धोखा देने का मामला नहीं चलाया गया, इसे महज अपने व्यक्ति प्रेम संबंध ही माना गया। चैनल ने लगातार अपने व्यापार को बढ़ाया हालाकि उसे कई जगह समझौते भी करने पड़े । 1921 में चैनल अपना पहला परफ्यूम चैनल नं.5 पेश किया। लेकिन इसमें साझीदारों की हिस्सेदारी अधिक थी और उसे कम हिस्सा मिला था। परफ्यूम चैनल नं.5 की सफलता के बाद हिस्सेदार को लेकर पार्टनर के बीच बड़े मतभेद उभरे।द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उसे अमेरिका भाग एक पार्टनर ने चैनल पर आरोप लगा दिया कि वह जर्मनी के नाजियों से मिली हुई है।
चैनल के पुराने पार्टनरों के बीच चैनल ब्रांड के उत्पादों को आगे बढ़ाने के लिए समझौता हो गया। कोको ने अपने उत्पादों को भी आगे बढ़ाया, जिनमें बैग, सूट, परफ्यूम आदि थे। कोको चैनल के सभी प्रोडक्ट के पीछे गैब्रिअल बोनहेअर चैनल की कल्पना और सृजनशीलता थी। चैनल अफवाहों का निशाना बनी और उन्हें स्विजरलैंड जाना पड़ा। इसके बाद उनका पार्टनर पियरे वेर्दाईमर पेरिस लौटकर बिजनेस की संपत्ति पर कब्जा करना चाहा, लेकिन उसने कोको से समझौता करते हुए उसे 40,00,000 डालर देने पड़े और उसने सभी उत्पादों पर कोको को दो फीसदी रायल्टी देना स्वीकार किया। उसने इस पैसे से अपने दोस्तों की मदद की। इसके बाद चैनल जब 87 साल की उम्र में 10 जनवरी 1971 को उनकी मौत हुई, तब भी वह डिजाइनिंग का काम कर रही थी। टाइम मैग्जीन ने उन्हें 20 वी सदी की 100 सबसे प्रभावशाली हस्तियों में शामिल किया था।वह दुनिया की पहली महिला फैशन डिजाइनर थीं, जिन्हें टाइम ने अपनी मैग्जीन में 100 हस्तियों में शामिल किया। भास्कर से साभार