मुबारक साल गिरह।
संजोग वॉल्टर। रवि कपूर का जन्म 7 अप्रैल 1942 को अमृतसर में हुआ था। रवि कपूर (जितेन्द्र) अब स्वर्गीय अभिनेता राजेश खन्ना के स्कूली सहपाठी थे। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ने एक ही कॉलेज से स्नातक की डिग्री “के.सी. कॉलेज, चर्चगेट” पूरी की थी। रवि कपूर (जितेन्द्र) के माता-पिता नकली गहने का व्यापार करते थे। एक बार जब वह निर्देशक वी. शांताराम को गहने की आपूर्ति करने गए थे, तब वह रवि कपूर (जितेन्द्र) की खूबसूरती से काफी प्रभावित हुए, जिसके चलते निर्देशक ने उन्हें 1959 के प्रोजेक्ट नवरंग में अभिनेत्री संध्या के साथ अभिनय करने के की पेशकश की। वी. शांताराम ने उन्हें 1964 की फिल्म “गीत गाया पत्थरों ने” में बतौर अभिनेता पेश किया था। वह शांताराम ही थे जिन्होंने उनका स्क्रीन नाम जितेंद्र रखा। उनकी फिल्म “गीत गाया पत्थरों ने” बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही थी। जिसके चलते जितेन्द्र को कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद जितेंद्र ने 1967 में फिल्म “spy thriller Farz” में अभिनय किया। जो उनके लिए एक हिट फिल्म साबित हुई। फिल्म फ़र्ज से उन्हें “जंपिंग जैक” का ख़िताब मिला था।
1984 में फिल्म “मकसद” में जितेन्द्र और राजेश खन्ना ने एक साथ कार्य किया। जिसमें जया प्रदा और श्रीदेवी थीं, लेकिन वे दोनों एक दूसरे से बोलती नहीं थीं। उन्हें एक करने के लिए राजेश खन्ना और जितेन्द्र ने दोनों को एक कमरे में बंद कर दिया, ये उम्मीद करते हुए कि वे आपसी मनमुटाव को छोड़कर दोस्त बन जाएंगी। परन्तु, ऐसा नहीं हुआ कमरा खोलने पर दोनों एक दूसरे की विपरीत दिशा में बैठी हुई थीं।
70 के दशक में, जितेन्द्र और हेमामालिनी के प्रेम में पड़ गए। हेमामालिनी ने अपनी आत्मकथा में दावा किया कि वह जितेंद्र से शादी करने वाली थीं, परन्तु किसी कारणवश शादी नहीं हो पाई।
रवि कपूर (जितेन्द्र) की मुलाकात शोभा से तब हुई जब वह सिर्फ 14 साल की थी । शोभा ने पढाई भी पूरी हुए वो और ब्रिटिश एयरवेज में एयर होस्टेस के रूप में कार्यरत थी। 1974 में जितेन्द्र ने काफी उतार चढ़ाव के बाद अपने बचपन की दोस्त शोभा से शादी कर ली थी। इस शादी के बाद शोभा ने नौकरी छोड़ दी थी ।
जीतेन्द्र ने राजश्री शांताराम, मुमताज, सायरा बानो, माला सिन्हा, नंदा, शर्मिला टैगोर, आशा पारेख, बबीता, हेमा मालिनी, मौसमी चटर्जी, रीना रॉय, जयाप्रदा, श्रीदेवी, कोमल, रेखा, परवीन बॉबी नीतू सिंह शबाना आज़मी, पद्मनी कोल्हापुरी, भानुप्रिया, माधवी, अनीता राज, संगीता बिजलानी, अश्विनी भावे के साथ अभिनय किया है।
जीतेन्द्र ने 93 फिल्मों में सोलो हीरो और 103 फिल्मों में दूसरे अभिनेताओं के साथ अभिनय किया और 26 फिल्मों में अतिथि भूमिका निभाई। जीतेन्द्र और धर्मेंद्र ,हेमा मालिनी की दोस्ती कभी खत्म नहीं हुई । तीनों दोस्त बने रहे। जीतेन्द्र ने धर्मेंद्र के साथ धरमवीर, जानी दोस्त, इंसाफ की पुकार, नफ़रत की आंधी द बर्निंग ट्रेन, सम्राट , द गोल्ड मेडल,जान हथेली पर , पापी देवता, धर्म कर्म हिट फ़िल्में कीं। बचपन के स्कूल और कॉलेज के दोस्त राजेश खन्ना और जीतेंद्र ने एक साथ काम किया के धरम कांटा, निशान मकसद दी । जीतेंद्र ने रोटी, पलकें की छांव में और बेगुनाह में अतिथि भूमिकाएं कीं – तीनों फिल्में जिनमें राजेश खन्ना सोलो लीड हीरो थे। जीतेंद्र-रेखा को 26 फिल्मों में अभिनय किया जिनमे 16 हिट फिल्में थीं, यह साथ 1972-1998 तक रहा । जीतेंद्र-श्रीदेवी ने 1983-88 के बीच एक साथ 16 फ़िल्में कीं और उनमें से 13 फ़िल्में हिट रहीं और 3 फ्लॉप रहीं। जीतेन्द्र और जया प्रदा को 24 फिल्मों में एक दूसरे के जोड़ी बनाई उनमें से 18 बॉक्स ऑफिस पर हिट थीं और 6 फ्लॉप थीं।
जितेंद्र का एक बेटा और बेटी है। बेटा तुषार कपूर अभिनेता है, जबकि बेटी एकता कपूर बालाजी टेलीफिल्म की मालकिन है। जितेंद्र सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले “झलक दिखला जा सीजन-2” के जज थे। 2014 में, जितेन्द्र को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।