लखनऊ। एजेंसी। चैत्र नवरात्रि का आज चौथा दिन है। इस दिन मां कूष्माण्डा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां दुर्गा का ये रूप भक्तों के रोग और शोक मिटाती है। इसके साथ ही मां कूष्माण्डा की पूजा करने से आयु, यश और बल की वृद्धि होती है। नवरात्रि 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक है । इन पूरे नौ दिनों में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होगी। माता की पूजा के अलावा चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन को राम जी के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। इसे राम नवमी भी कहते हैं। चैत्र नवरात्रि को राम नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।
यहां जानिए मां कूष्माण्डा के बारे में कुछ खास बातें।
1. कूष्माण्डा माता की आठ भुजाएं होती हैं। इसी वजह से इन्हें अष्टभुजा देवी के नाम से जाना जाता है। इनके आठों हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल का फूल, अमृतपूर्ण कलश, चक्र, गदा और जपमाला होती है. इनका वाहन सिंह है।
2. पौराणिक कथाओं के अनुसार मान्यता है कि ब्रह्मांड की रचना इसी देवी ने अपनी शक्तियों से की थी।
3. संस्कृत भाषा में कूष्माण्डा को कुम्हड़ कहते हैं। इसी वजह से बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से यह माता कूष्माण्डा माता कहलाती हैं।
4. देवी कूष्माण्डा का मंत्र –या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।’
5. मां कूष्माण्डा की पूजा करने से आयु, यश और बल की वृद्धि होती है।
नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्माण्डा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें दिन सिद्धिदात्री को पूजा जाता है। इसी के साथ नौवें दिन राम जी की पूजा भी करते हैं।