जोगी से मिलेंगी मायावती
रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) मिलकर लड़ेंगे। दिल्ली में बसपा सुप्रीमो मायावती और जकांछ प्रमुख अजीत जोगी की चुनाव को लेकर एक घंटे मुलाकात हुई। जकांछ के सूत्र बता रहे हैं कि गठबंधन पर सहमति बन चुकी है, सीटों के बंटवारे पर बात चल रही है। ध्यान रहे कि जोगी 29 मई से दिल्ली में रहकर इलाज करा रहे हैं। उनकी मायावती के साथ मुलाकात पहले से तय थी, यही कारण है कि दोपहर दो बजे जोगी के पुत्र और विधायक अमित जोगी पार्टी के प्रदर्शन को बीच में छोड़कर दिल्ली चले गए थे। दोनों पार्टियों के बीच समझौता हो जाता है तो भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं। बसपा का एससी इलाकों में खासा जनाधार है। जोगी का जनाधार भी इसी वर्ग में है। कांग्रेस और भाजपा के अलावा बसपा ही ऐसी पार्टी है जो छत्तीसगढ़ में कुछ सीटें जीतती रही है। बसपा के संस्थापक कांशीराम ने छत्तीसगढ़ के जांजगीर से ही चुनावी राजनीति का सफर शुरू किया था। छत्तीसगढ़ के पहले और दूसरे विधानसभा चुनाव में बसपा के दो-दो विधायक चुने गए थे। इस विधानसभा में भी बसपा का एक विधायक है।
मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होगा: आलोक
नयी दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने उम्मीद जतायी है कि इस वर्ष के अंत तक सभी बाधाओं को दूर करते हुए कानून एवं संविधान सम्मत तरीके से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो सकता है। विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय अयोध्या मामले की सुनवाई रोजाना आधार पर करेगा। अगर ऐसा होता है तब इस मुद्दे पर सितंबर तक फैसला आ सकता है। ऐसा मुझे विश्वास है और यह बात मैं परिस्थितिजन्य मूल्यांकन के आधार पर कह रहा हूं।’’ विहिप नेता ने कहा कि छह जुलाई से राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले की सुनाई शुरू हो जायेगी और हो सकता है कि जुलाई के अंत तक स्थिति कुछ स्पष्ट हो जाए। आलोक कुमार ने कहा कि अगर किसी कारण से सुनवाई आगे नहीं बढ़ती है तब विश्व हिन्दू परिषद वापस संतों एवं संत समाज के पास जायेगी और उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करके आगे की कार्रवाई करेगी। साल के अंत तक राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बारे में आशान्वित होने का कारण पूछे जाने पर विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं यह मानता हूं कि कानून के अनुरूप सभी चीजें हमारे पक्ष में है, इसलिये कह रहा हूं कि उच्चतम न्यायालय इस मामले की रोजाना सुनवाई करे।’’
कुमार स्वामी ने माफ किया किसानों का कर्ज
बेंगलुरु। विधानसभा चुनाव में किये गये वादे के अनुसार किसानों को बड़ी राहत देते कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने आज कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के पहले बजट में 34,000 करोड़ रुपए की कृषि ऋण माफी योजना की घोषणा की। विधानसभा में बजट प्रस्ताव पेश करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने ऋण की राशि को दो लाख रुपए तक सीमित किया है क्योंकि इससे ऊंचे मूल्य के फसल ऋण को माफ करना ‘सही’ नहीं होगा। कुमारस्वामी के पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है। कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने पूरी तरह अपनी सरकार बनने पर कृषि ऋण को 24 घंटे में माफ करने का वादा किया था। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, राज्य के लोगों ने किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं दिया है, लेकिन मुझे गठबंधन सरकार बनाने के लिए अच्छा अवसर मिला और साथ ही गठबंधन में मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का मौका मिला।’’ उन्होंने कहा कि पहले चरण में उन्होंने 31 दिसंबर, 2017 तक सभी चूक वाले फसल ऋणों को माफ करने का फैसला किया है। जद (एस) ने अपने चुनाव घोषणापत्र में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी विश्वास जताया था कि सरकार अपने चुनावी वादे के मुताबिक किसानों का कर्ज माफ करेगी और यहीं से पूरे देश के किसानों के लिए उम्मीद पैदा होगी।
विकास कार्यो की समीक्षा करेंगे त्रिवेन्द्र
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सात से 26 जुलाई तक प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा करेंगे। इस दौरान संबंधित जनपदों के प्रभारी मंत्री, विधायक और मुख्य सचिव मौजूद रहेंगे। जिला स्तर पर जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारी वीसी के दरम्यान मौजूद रहेंगे।मुख्यमंत्री के मुख्य निजी सचिव सुरेश चंद्र जोशी ने यह जानकारी दी। श्री जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री सात जुलाई को देहरादून के विधानसभा क्षेत्र विकासनगर, सहसपुर, धर्मपुर, राजपुर रोड, देहरादून कैंट, मसूरी, डोईवाला, ऋषिकेश व रायपुर की समीक्षा करेंगे। नौ जुलाई को हरिद्वार के विस क्षेत्रों हरिद्वार शहर, बीएचईएल (रानीपुर), ज्वालापुर, झबरेड़ा, रुड़की, खानपुर, लक्सर व हरिद्वार (ग्रामीण), 10 जुलाई को ऊधमसिंहनगर के काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा, सितारगंज, नानकमत्ता व खटीमा, 13 जुलाई को चमोली व रुद्रप्रयाग जिलों के विस क्षेत्रों बद्रीनाथ, थराली, कर्णप्रयाग व रुद्रप्रयाग की समीक्षा की जाएगी। 19 जुलाई को नैनीताल के लालकुंआ, नैनीताल, कालाढूंगी व रामनगर, 20 जुलाई को पिथौरागढ़ और चंपावत के डीडीहाट, पिथौरागढ़, गंगोलीहाट, लोहाघाट व चंपावत, 23 जुलाई को अल्मोड़ा और बागेश्वर के द्वाराहाट, सल्ट, सोमेश्वर, अल्मोड़ा, बागेश्वर व कपकोट, 24 जुलाई को पौड़ी जिले के यमकेश्वर, पौड़ी, श्रीनगर, चैबट्टाखाल, लैंसडौन व कोटद्वार और 26 जुलाई को उत्तरकाशी व टिहरी जिलों के घनसाली, देवप्रयाग, नरेंद्रनगर, प्रतापनगर, टिहरी, यमुनोत्री व गंगोत्री विस क्षेत्रों की समीक्षा होगी। (हिफी)