नोटा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राज्यसभा चुनाव में ‘इनमें से कोई नहीं (नोटा) विकल्प की अनुमति देने से 21 अगस्त को इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने राज्यसभा चुनाव के मतपत्रों में नोटा के विकल्प की इजाजत देने वाली चुनाव आयोग की अधिसूचना को रद्द कर दिया। शीर्ष अदालत ने आयोग की अधिसूचना पर सवाल उठाया और कहा कि नोटा सीधे चुनाव में सामान्य मतदाताओं के इस्तेमाल के लिए बनाया गया है।
यह फैसला शैलेष मनुभाई परमार की याचिका पर आया है। पिछले राज्यसभा चुनाव में वह गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे जिसमें पार्टी ने सांसद अहमद पटेल को उतारा था। परमार ने मतपत्रों में नोटा के विकल्प की इजाजत देने वाली आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि नोटा की शुरूआत करके चुनाव आयोग मतदान नहीं करने को वैधता प्रदान कर रहा है। गुजरात कांग्रेस के नेता ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में यदि नोटा के प्रावधान को मंजूरी दी जाती है तो इससे खरीद-फरोख्त और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। (हिफी)
चौहान ने अटल के शोक में रोकी यात्रा
रीवा। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आशीर्वाद यात्रा रोक दी। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त की शाम 5 बजकर 5 मिनट में दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ। अटलजी के निधन के बाद पूरा देश शोकालीन हो गया। इसी को देखते हुए बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों ने अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए।
इन कार्यक्रमों में सबसे अहम मध्य प्रदेश की जन आशीर्वाद यात्रा और वसुंधरा सरकार की राजस्थान गौरव यात्रा थी। क्योंकि, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। अटलजी के निधन के बाद से मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के हावभाव बदले हुए नजर आ रहे हैं।
स्वर्गीय अटलजी का मध्य प्रदेश से गहरा रिश्ता रहा है। विशेषज्ञों की माने तो अटलजी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था, जिसको ध्यान में रखते हुए शिवराज सिंह चौहान ने यह विधानसभा चुनाव उन्हीं के नाम पर लडऩे का मन
बना लिया है और ऐसा माना जा रहा है कि अब आने वाले समय में चुनावी रैलियों के दौरान अटलजी के भाषण और कविताओं का सहारा लेकर शिवराज आगे बढ़ेंगे। (हिफी)
जयराम ठाकुर ने दी अंतरिम राहत
शिमला। राज्य सरकार ने कर्मचारियों को 4 फीसदी अंतरिम राहत (आई.आर.) देने का निर्णय लिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की गई घोषणा के अनुरूप लिया गया है। सरकार की तरफ से इस आशय संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे राज्य के करीब २ लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। अधिसूचना के अनुसार कर्मचारियों को आई.आर. बीते जुलाई माह से मिलेगा।
प्रदेश में कार्यरत आई.ए.एस. अधिकारियों को छोड़कर इसका सभी नियमित कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। आई.आर. अगस्त महीने से देय होगा, जिसका भुगतान १ सितम्बर में वेतन के साथ नकद किया जाएगा। इसके अलावा पैंशनरों को लेकर भी जल्द अधिसूचना जारी किए जाने की संभावना है। इस तरह सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को ४ फीसदी आई.आर. का भुगतान किए जाने से सरकार के खजाने पर करीब २६० करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। (हिफी)
सिद्धू दे रहे सफाई
चंडीगढ़। इमरान खान के शपथ ग्रहण में शामिल होने पाकिस्तान गए नवजोत सिंह सिद्धू की हर तरफ से आलोचना हो रही है। उनके खिलाफ न सिर्फ शहीदों के परिजनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी से जवाब मांगा है बल्कि बिहार में उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज हुआ है। इस सारे घटनाक्रम और आलोचनाओं को लेकर अब सिद्धू की प्रतिक्रिया आई है। सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि इन आलोचनाओं से में दुखी हूं। उन्होंने कहा कि यह एक सद्भावपूर्ण यात्रा थी पर राजनीतिक नहीं। मेरी यात्रा पर अंगुलियां उठाई जा रही है और इन आलोचनाओं से मैं दुखी हूं। सिद्धू बोले कि बाजवा मुझे पहली कतार में बैठा देख कर बोले करतारपुर का रास्ता खोलने का विचार है। मेरे लिए यह बड़ी बात थी। चन्द लम्हों के बाद बाजवा से कोई मुलाकात नही हुई। (हिफी)