पी सी सरकार जादूगर थे। उनके लोकप्रिय शो ‘इंद्रजाल’ के लिए उन्हे आज भी याद किया जाता है। उनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था जहां जादूगर की सात पीढ़ियाँ मौजूद थी। उन्होंने जादू पर 22 से भी ज्यादा किताबें लिखी थी। सरकार 1930 में चर्चा में आए जब उन्होंने कोलकाता और जापान में शो करने आरंभ किए। लोगों ने उनका लड़की को हवा में लटका देने का जादू काफी ज्यादा पसंद किया। 1964 में उन्हें पदमश्री से सम्मानित किया गया।
पी सी सरकार का जन्म 23 फरवरी 1913 को तंगैल, बंगाल, ब्रिटिश भारत में हुआ था उनका पूरा नाम प्रोतुल चंद्र सोरकर था । सोरकर का विवाह दिवंगत बसंती देवी के साथ हुआ था। वे एनिमेटर, निर्देशक और लेजरिस्ट मनिक सोरकर और जादूगर पी. सी.सोरकर जूनियर और पी. सी. सोरकर, यंग के माता-पिता थे। बसंती देवी का देहांत26 दिसंबर 2009 को कोलकाता में हुआ था।
उनका जादू का शो ‘इंद्रजाल’ काफी लोकप्रिय हुआ करता था। सरकार 1930 में चर्चा में आए, जब उन्होंने कोलकाता और जापान में शो करने आरंभ किए।1964 में लोगों ने उनका लड़की को हवा में लटका देने का जादू काफी ज्यादा पसंद किया।
पीसी सरकार भी अपने परिवार में जादूगरी का करतब दिखाने वाली सांतवी पीढ़ी के सदस्य थे। उनके कई नामचीन करतबों में उड़ने वाली कालीन का जादू शामिल था। पीसी सरकार भारत के सबसे नामी जादूगर थे। उनकी हवा में लड़कियों को उड़ाने वाली ट्रिक काफी मशहूर थी।
पुरस्कार और सम्मान
भारत सरकार ने उनके नाम पर कलकत्ता की एक प्रमुख सड़क का नाम रखा है। 26 जनवरी 1964 भारत के राष्ट्रपति द्वारा उन्हे पद्म श्री (द लोटस) से सम्मानित किया गया। स्फिंक्स (ऑस्कर ऑफ मैजिक), यूएस, 1946 और 1954। द रॉयल मेडेलियन, जर्मन मैजिक सर्कल। 23 फरवरी 2010 को उन्हें सम्मानित करने के लिए 5 / का स्टैम्प भारतीय डाक द्वारा जारी किया गया। पी.सी. सरकार की जीवनी – P. C. Sorcar Biography Hindi-प्रकाशित पुस्तकें-आपके लिए जादू (1965)-आपके लिए अधिक जादू (1965)
जादू का इतिहास (1970)-इंडियन मैजिक (1983)।
6 जनवरी 1971 को असाहिकावा, होक्काइदो, जापान में 57 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने के कारण पी सी सरकार मृत्यु हो गई। साभार