नई दिल्ली: एजेंसी । 16 अप्रैल 2019 को खबर आई थी की रोहित शेखर का निधन हो गया है। उत्तराखंड और यूपी के पूर्व सीएम एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी को मृत अवस्था में ही मैक्स साकेत अस्पताल लाया गया था। इससे पहले 18 अक्टूबर 2018 को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया था। पुलिस ने रोहित शेखर की हत्या के आरोप में उनकी गिरफ्तार पत्नी अपूर्वा शुक्ला को 24 अप्रैल 2019 को गिरफ़्तार किया। पुलिस के अनुसार, उसे अपने पति रोहित पर परिवार की ही एक महिला रिश्तेदार के बच्चे का पिता होने का शक था। यही शक हत्या की मुख्य वजह बना। क्राइम ब्रांच का कहना है कि रोहित के साथ शादीशुदा जिंदगी से अपूर्वा शुक्ला तिवारी खुश नहीं थी। यही वजह है कि अपूर्वा ने रोहित को अकेले गला और मुंह दबाकर मारा। क्राइम ब्रांच का यह भी कहना है कि इस हत्या में कोई और अन्य शामिल नहीं था।
पुलिस पूछताछ में आरोपी अपूर्वा ने बताया कि वह पहले ही महिला रिश्तेदार और रोहित के संबंधों को लेकर खफा थी। साथ ही, कुछ दिनों पहले उसके बच्चे के नाम पर संपत्ति किए जाने की बात ने उसे और परेशान कर दिया था। वहीं, वारदात वाली रात जब रोहित ने कहा कि उत्तराखंड से वापसी के दौरान कार में उसने और महिला रिश्तेदार ने एक ही गिलास में शराब पी, इस बात पर वह और भड़क गई। फिर दोनों के बीच शुरू हुई कहासुनी रोहित की हत्या में तब्दील हो गई।
कौन है यह महिला रिश्तेदार : पुलिस के मुताबिक, महिला रिश्तेदार की शादी 1988 में हुई थी। महिला का पति रोहित की मां उज्ज्वला के पहले पति की रिश्तेदार बताई जाती है। महिला रिश्तेदार और उसका पति ज्यादातर उज्ज्वला के साथ ही रहते थे। दंपति 2004-05 में डिफेंस कॉलोनी स्थित कोठी में उज्ज्वला के साथ रहने आए थे। रोहित से शादी के बाद अपूर्वा महिला रिश्तेदार को घर से निकालना चाहती थी, मगर उज्ज्वला की वजह से वह ऐसा नहीं कर सकी थी।
बेटे की अचानक हुई मौत के बाद से सदमे से गुजर रही उज्ज्वला शर्मा ने रोहित के जीवन, उसकी हत्या और अपूर्वा के बारे में राज खोले। उन्होंने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि अपूर्वा ने वीडियो कॉलिंग के समय रोहित की कार में महिला रिश्तेदार को देखने का झूठा बयान दिया है। अपूर्वा झूठ बोल रही है क्योंकि रोहित के साथ गाड़ी में अमर था और हमारी रिश्तेदार मेरे ही साथ थी।
उन्होंने बताया कि जब मैं थक गई थी तो मैंने ही उसे दूसरी गाड़ी में जाने के लिए बोला था। इसके बाद वह रोहित वाली गाड़ी में जाकर बैठी। उस गाड़ी में रोहित और महिला रिश्तेदार के अलावा ड्राइवर, अमर और एक नौकर भी था। ऐसे में समझ से परे है कि अपूर्वा को गाड़ी में बैठी महिला रिश्तेदार को देखकर गुस्सा क्यों आया।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि तनावपूर्ण वैवाहिक जीवन, संपत्ति और राजनीतिक करियर की महत्वाकांक्षा पूरी नहीं होने जैसे मुद्दों को लेकर अपूर्वा ने अपने पति रोहित शेखर तिवारी की हत्या कर दी थी।
उन्होंने कहा कि अपूर्वा अपने पति की एक महिला रिश्तेदार को पसंद नहीं करती थी। रोहित की मां उज्ज्वला और उस रिश्तेदार का मानना था कि दोनों को अपनी शादी समाप्त कर देनी चाहिए और इस संबंध में जून में कोई फैसला होना था।
अधिकारी ने कहा कि 35 वर्षीय वकील अपूर्वा और रोहित शेखर की मुलाकात 2017 में एक वैवाहिक वेबसाइट के माध्यम से हुयी थी और मई 2018 में दोनों ने शादी कर ली। अपूर्वा को पता था कि रोहित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी के पुत्र हैं। अपूर्वा को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।
पूछताछ के दौरान अपूर्वा ने दावा किया कि वह इंदौर में नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस की अध्यक्ष थी और उसकी राजनीतिक आकांक्षाएं थीं। लेकिन मई में रोहित शेखर से शादी करने के कुछ समय बाद उसने महसूस किया कि उसका राजनीतिक करियर आगे नहीं बढ़ रहा है।
अधिकारी ने कहा कि शादी के 14-15 दिनों के भीतर ही वह घर से दूर रहने लगी। ”कभी-कभी, वह अपने माता-पिता के यहां रहती और कभी-कभी दक्षिण दिल्ली में किराए के एक मकान में रहती थी।
जांच से जुड़े अधिकारी ने कहा कि जुलाई 2018 में, जब रोहित बाईपास सर्जरी करा रहे थे और अस्पताल में भर्ती थे तो अपूर्वा ने उन्हें कानूनी नोटिस दिया था जिसमें कहा गया था कि वह उनके साथ नहीं रहना चाहतीं। लेकिन दोनों परिवारों ने दोनों को साथ बिठाकर उनकी काउंसलिंग की और उन्हें सलाह दी।