शरद यादव मधेपुरा से होंगे महागठबंधन के उम्मीदवार
पटना। जेडीयू से अलग लोकतांत्रिक जनता दल के संस्थापक शरद यादव ने घोषणा करते हुए कहा है कि, वह 2019 लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मधेपुरा की जनता को उन पर विश्वास है और यह विश्वास कायम रखने के लिए वह यहां से चुनाव लड़ेंगे।गत दिनों आयोजित एक प्रेस कॉफ्रेंस में शरद यादव ने जानकारी दी कि वह 2019 का लोकसभा चुनाव मधेपुरा से लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि वह मधेपुरा लोकसभा सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे।शरद यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो वादा किया था उसे पूरा नहीं करने के अलावा सब कुछ कर रही है। बैंकों में हुए घोटाले को लेकर भी उन्होंने कहा कि मोदी जी इतनी चैकसी करने का दावा करते हैं फिर भी उद्योगपति लाखों करोड़ों की हेराफेरी कर गायब हो जा रहे हैं।शरद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून से दलित, गरीब और आदिवासी जेल में जीवन काट रहे हैं। उन पर अत्याचार हो रहा हैं. राज्य में शिक्षा व्यवस्था ठप पड़ गई है। छात्रों के रिजल्ट में गड़बड़ी करने से वह परेशान हैं। रिजल्ट के कारण छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। (हिफी)
जाट-दलित गठबंधन कांग्रेस व भाजपा के लिए बना सिरदर्द
राजस्थान। राजस्थान के निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल की रैलियों ने यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की नींद उड़ा दी है। हनुमान बेनीवाल की रैलियों में शामिल हो रही भीड़ और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के संभावित समर्थन को देखते हुए कांग्रेस और भाजपा के नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है।बेनीवाल ने जाट और दलित समाज को एकजुट करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत जाट समाज को वे स्वयं एकजुट करने में जुटे है, वहीं दलित समाज को साथ लेने के लिए गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी से सम्पर्क साधा है। मेवाणी ने पिछले एक माह में राजस्थान में आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर अपनी सक्रियता का संदेश दिया है। बेनीवाल ने कांग्रेस और भाजपा में उपेक्षित दलित नेताओं से भी सम्पर्क साधा है। जाट और दलित वोट बैंक को साथ लाने का बेनीवाल का मकसद भाजपा और कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकता है। बेनीवाल का मकसद खुद को प्रदेश का प्रभावी जाट-किसान नेता के रूप में स्थापित करना है। (हिफी)