पुण्य तिथि
शंकर शेष
– 2 अक्टूबर, 1933, बिलासपुर-28 नवम्बर, 1981 हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार तथा सिनेमा कथा लेखक थे। वे नाटक साहित्य क्षेत्र के महत्वपूर्ण नाटककारों में से एक थे। समकालीन परिवेश और युगीन परिस्थितियों से उनके व्यक्तित्त्व की संवेदनशील का निर्माण हुआ था। शंकर शेष बहुआयामी प्रतिभाशाली लेखक के रूप में पहचाने जाते थे। वे मुम्बई में एक बैंक में हिन्दी अधिकारी थे। उनके ‘फन्दी’, ‘एक था द्रोणाचार्य’, ‘रक्तबीज’ आदि नाटकों से उनकी ख्याति बढ़ी थी। उनका शोध-प्रबंध ‘हिन्दी मराठी’ कहानीकारों के तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित था। शंकर शेष अत्यन्त सहृदय और गुट-निरपेक्ष लेखक थे। उनके द्वारा रचित ‘घरोंदा’ कथा पर हिन्दी में फ़िल्म भी बनी थी।
देवनारायण द्विवेदी- हिन्दी के प्रमुख उपन्यासकारों में से थे। इन्होंने ‘काशी समाचार’ राष्ट्रीय पत्र भी निकाला था।मिर्जापुर के भैंसा गाँव में 1886 को देवनारायण द्विवेदी का जन्म हुआ था। देवनारायण द्विवेदी की पुस्तक ‘कर्त्तव्याघात’ की 1926 में कहानी सम्राट प्रेमचन्द ने छः पृष्ठ की समीक्षा लिखी थी। इस समय प्रेमचंद जी ने कहा था कि- “हिन्दी में इतना अच्छा उपन्यास हमारी नज़रों से अब तक गुजरा नहीं था।”
‘गीतांजलि’ का अनुवाद भी देवनारायण जी ने किया था। इनके द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘देश की बात’ 1923 में जब्त कर ली गई थी। 28 नवम्बर, 1989 को देवनारायण द्विवेदी का देहावसान हो गया।
संदीप उन्नीकृष्णन
-15 मार्च 1977 -28 नवम्बर 2008-सेना में एक मेजर थे,राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स में काम किया। नवम्बर 2008 में मुंबई के हमलों में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें 26 जनवरी 2009 को भारत के सर्वोच्च बहादुरी पुरस्कार,अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
जयंती
अमर गोस्वामी
28 नवम्बर, 1945, मुल्तान-28 जून, 2012, गाज़ियाबाद हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार तथा उपन्यासकार थे। वे ‘मनोरमा’ और ‘गंगा’ देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं से लंबे समय तक जुड़े रहे थे। अमर गोस्वामी साहत्यिक संस्था ‘वैचारिकी’ के संस्थापक भी रहे। उन्होंने कई साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन भी किया था।एजेंसी।