संजोग वॉल्टर। लखनऊ। आजाद हिंद फौज में लेफ्टिनेंट कमांडर रहे एस के वर्धन का 10 जुलाई 2013 को लखनऊ के रविंद्रपल्ली में उनके निवास पर निधन हो गया था . वो 92 साल के थे और पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे.
एस के वर्धन के बेटे के मुताबिक उनके पिता 22 साल की उम्र में ही सिंगापुर में अपनी मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे. और जब सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज का गठन किया तो नेताजी ने उनके पिता एस के वर्धन को लेफ्टिनेंट कमांडर बनाया था.
11 फरवरी 1922 में जन्मे और 22 साल की उम्र में ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आवाहन पर अपनी मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर इस फ्रिडम मूवमेंट में कूद पड़े और तब से अबतक उनका आदर्श और रोल माडल सिर्फ और सिर्फ नेताजी रहे.
वो नेताजी से इतने प्रभावित थे कि अपनी भांजी की शादी भी नेताजी के जन्मदिन के दिन ही 23 जनवरी को रखी थी.