राकेश अचल । नया साल खतरों की आहत लेकर आया है ,लेकिन हम हैं कि जान हथेली पर रखकर घूम रहे हैं.खतरा कोरोना के भाई ओमीक्रॉन से है. ओमीक्रॉन की लहरें उठने लगी हैं किन्तु हमें दिखाई नहीं दे रहीं .... Read more
राकेश अचल । नया साल खतरों की आहत लेकर आया है ,लेकिन हम हैं कि जान हथेली पर रखकर घूम रहे हैं.खतरा कोरोना के भाई ओमीक्रॉन से है. ओमीक्रॉन की लहरें उठने लगी हैं किन्तु हमें दिखाई नहीं दे रहीं .... Read more
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