– वीर विनोद छाबड़ा फिल्म संसार भी अजीब जगह है। यहाँ इंसान बनने कुछ आता है, बनता कुछ और है। नियति का खेल जो ठहरा। अब देखिये न असित सेन को। उनके पिता फोटोग्राफर थे। बेटे असित को न्यू थिएट... Read more
– वीर विनोद छाबड़ा फिल्म संसार भी अजीब जगह है। यहाँ इंसान बनने कुछ आता है, बनता कुछ और है। नियति का खेल जो ठहरा। अब देखिये न असित सेन को। उनके पिता फोटोग्राफर थे। बेटे असित को न्यू थिएट... Read more
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